Hindi, asked by ahammedraajyrehman, 7 hours ago

फूलों से नित हंसना सीखो full exercise answer​

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Answered by XxitzparthxX96
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सीखो / श्रीनाथ सिंह - कविता कोश

तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना। सीख हवा के झोंको से लो, कोमल-कोमल बहना। दूध तथा पानी से सीखो, मेल-जोल से रहना। लता और पेड़ों से सीखो, सबको गले लगाना।

Answered by virudhaka1988
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Answer:

इस कविता में दो नन्हे बालक है, जिनका नाम अमन और गौरी है, अमन और गौरी कहते हैं, कि हमें फूलों की तरह हमेशा हंसते रहना चाहिए। भौरों की तरह हमेशा गीत गाना चाहिए। पेड़ों की डालियों की तरह हमें झुककर रहना चाहिए एवं अपना व्यवहार अच्छा रखना चाहिए । कोमल के भाव बहाना।

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