फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं,
कब्र कितनी ही संवारो कोई ज़िंदा नहीं होता।
अब न कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये,
हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।
तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने तोड़ डाला है,
ये टुकड़े मैं नहीं लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो।
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hey
nice poem
keep it up and write more and more ☺️☺️
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accha tum mujhe f. llow ni kr rhi toh mai bhi tumhe unfollow. kr rhi hu
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