फ्रांस की क्रांति का अग्रदूत किसे कहा जाता है
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फ्रांसीसी क्रांति में सबसे अहम योगदान वाल्टेयर, मौटेस्यू एवं रूसो का था।
फ्रांस की क्रांति का अग्रदूत किसे कहा जाता है :
फ्रांस की क्रांति के अग्रदूत वॉल्टेयर, रूसो और मौटेस्यू को माना जाता है।
व्याख्या :
फ्रांस की क्रांति 1789 में शुरू हुई एक प्रमुख क्रांति थी, जिसने पूरे यूरोप को एक नई दिशा प्रदान की। यह क्रांति लुई सोलहवाँ के शासनकाल में हुई थी। उस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी और फ्रांस का समाज तीन स्टेट में विभाजित था। जो प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्टेट कहे जाते थे। जहां प्रथम एवं द्वितीय स्टेट के लोगों को अनेक अधिकार प्राप्त थे। वही तृतीय स्टेट के लोगों को सीमित अधिकार प्राप्त होते और उन पर तमाम तरह के कर चुकाने पड़ते थे।
अधिकतर फ्रांस की आम जनता तृतीय स्टेट से संबंध रखती थी। इन सब कारणों से फ्रांस की जनता में आक्रोश उत्पन्न होता गया और क्रांति का जन्म हुआ।
फ्रांस की इस क्रांति के अग्रदूत वॉल्टेयर, मांटेस्यू और रूसो माने गए।
रूसो जहाँ फ्रांस में लोकतंत्र शासन का समर्थक था। वॉल्टेयर फ्रांसीसी समाज में चर्च के अधिपत्य का विरोधी था।
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