फ्रांस की राजनीति और व्यापार में दासों का क्या महत्व था
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मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का ही बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय होने वाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है। जो सभ्यताएँ प्रधानतया तलवार के बल पर बनी, बढ़ीं और टिकी थीं, उनमें दासता नग्न रूप में पाई जाती थी।
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अपने कृषि संसाधनों की तुलना में, देश ऊर्जा संसाधनों से बहुत कम संपन्न है। कोयले के भंडार का अनुमान लगभग १४० मिलियन टन है, लेकिन फ्रांसीसी कोयला खदान के लिए मुश्किल और महंगा होने और इसकी औसत गुणवत्ता से पीड़ित है। १९५८ में वार्षिक उत्पादन लगभग ६० मिलियन टन था; ४० साल बाद यह कुल घटकर ६ मिलियन टन से भी कम हो गया था; और 2004 में आखिरी कोयला खदान को बंद कर दिया गया था। आयातित कोयले ने लंबे समय से स्वदेशी उत्पादन का पूरक बनाया था। आयात मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी से होता है।