Social Sciences, asked by deepakmaurya14, 7 months ago

फ्रांसीसी क्रांति के किन विचारों से आप सबसे अधिक प्रभावित है और क्यों​

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Answered by KhataranakhKhiladi2
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(क) प्रथम स्टेट : पादरी वर्ग दो भागों में विभाजित था-उच्च एवं निम्न। उच्च वर्ग के पास अपार धन था। वह “टाइथ” नामक कर वसूलता था। ये शानों शौकत एवं विलासीपूर्ण जीवन बिताते थे, धार्मिक कार्यों में इनकी रूचि कम थी। देश की जमीन का पांचवा भाग चर्च के पास ही था और ये पादरी वर्ग चर्च की अपार सम्पदा का प्रयोग करते थे। ये सभी प्रकार के करों से मुक्त थे इस तरह उनका जीवन भ्रष्ट, अनैतिक और विलासी था। इस कारण यह वर्ग जनता के बीच अलोकप्रिय हो गया था और जनता के असंतोष का कारण भी बन रहा था। दूसरा साधारण पादरी वर्ग था जो निम्न स्तर के थे। चर्च के सभी धार्मिक कार्यों को ये सम्पादित करते थे। वे ईमानदार थे और सादा जीवन व्यतीत करते थे। अतः उनके जीवन यापन का ढंग सामान्य जनता के समान था। अतः उच्च पादरियों से ये घृणा करते थे और जनसाधारण के प्रति सहानुभूति रखते थे। क्रांति के समय इन्होंने क्रांतिकारियों को अपना समर्थन दिया।

(ख) द्वितीय स्टेट : कुलीन वर्ग द्वितीय स्टेट में शामिल था और सेना, चर्च, न्यायालय आदि सभी महत्वपूर्ण विभागों में इनकी नियुक्ति की जाती थी। एतदां के रूप में उच्च प्रशासनिक पदों पर इनकी नियुक्ति होती थी और ये किसानों से विभिन्न प्रकार के कर वसूलते थे और शोषण करते थे। यद्यपि रिशलू और लुई 14वें के समय कुलीनों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था किन्तु आगे लुई 15वें और 16वें के समय से उन्होंने अपने अधिकारों को पुनः प्राप्त करने का प्रयास किया। यह कुलीन वर्ग भी आर्थिक स्थिति के अनुरूप उच्च और निम्न वर्ग में विभाजित थे।

(ग) तृतीय स्टेट : तृतीय स्टेट के लोग जनसाधारण वर्ग से संबद्ध थे जिन्हें कोई विशेषाधिकार प्राप्त नहीं था। इनमें मध्यम वर्ग, किसान, मजदूर, शिल्पी, व्यापारी और बुद्धिजीवी लोग शामिल थे। इस वर्ग में भी भारी असमानता थी। इन सभी वर्गों की अपनी-अपनी समस्याएं थी। यें सब वर्ग असमानता के कारण सामांतों और चर्चों के उच्च पदाधिकारियों से घृणा करते थे। सामंतों का व्यवहार इनके साथ अपमानजनक था। इस वर्ग में कुछ लोगों के पास धन तथा योग्यता थी पर, समाज में प्रतिष्ठा नहीं थी। यह विषमता भी दूर हो सकती थी जब सामंती पिरामिड को खत्म कर दिया जाता। इस वर्ग की मांग थी बुराई दूर करने के लिए मेरी आवाज सुनी जाए। फ्रांस में किसानों की संख्या 2 करोड़ थी। इनमें अधिकांश अर्द्ध कृषक या बंधुआ थे। किसान राजा को विभिन्न कर देते थे।

Answered by Zeenat173
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