फ्रासीसी क्रांति का यूरोप पर क्या प्रभाव पड़ा ?
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Explanation:
It proclaimed the equality of citizens before the law, equality of languages, freedom of thought and faith; it created a Swiss citizenship, basis of our modern nationality, and the separation of powers, of which the old regime had no conception; it suppressed internal tariffs and other economic restraints; it unified weights and measures, reformed civil and penal law, authorized mixed marriages (between Catholics and Protestants), suppressed torture and improved justice; it developed education and public works.
Answer:
1) उच्च बुर्ज़ुआ वर्ग की प्रधानता संपादित करें
बुर्ज़ुआ वर्ग की प्रधानता संपादित करेंलुई फिलिप ने सिंहासन पर बैठने पर जनता को एक उदार संविधान दिया था। फिर भी इससे जनता का अधिक भला नहीं हुआ। मत का आधार धन होने के कारण प्रतिनिधि सभा में सदैव बुर्जुआ वर्ग के लोगों की प्रधानता बनी रही, जन साधारण की पहुंच नहीं थी। अतः बुर्ज़ुआ वर्ग के लोग अपने हितों का ध्यान रखते हुए ही कानून बनाया करते थे। इस प्रकार लुई फिलिप के शासन से जनता को कोई लाभ नहीं हुआ। वस्तुतः 1830 की क्रांति से उनको कोई लाभ नहीं हुआ। इससे वे लुई फिलिप को घृणा की दृष्टि से देखने लगे। जेक्स ड्रोज के अनुसार "1848 का सामाजिक संघर्ष एक त्रिपक्षीय वर्ग संघर्ष था जिसमे मध्यम वर्ग के दो भाग उच्च बुर्जुआ और निम्न बुर्जुआ एवं निम्न वर्ग शामिल था"
2) समाजवादी विचारधारा संपादित करें
विचारधारा संपादित करें1848 की फ्रांसीसी क्रांति की पृष्ठभूमि समाजवादियों ने तैयार की। लुई ब्लां जैसे समाजवादी विचारकों ने मजदूरों के हितों का प्रतिपादन किया उसने सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना की। फिलिप की सरकार को पूंजीपतियों की सरकार घोषित किया। उसने एक महत्वपूर्ण सिद्धांत दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को काम पाने का अधिकार है और राज्य का कर्तव्य है कि वह उसे काम दे। इस तरह लुई ब्लां के समाजवादी विचारों ने जनता को लुई फिलिप का शासन उखाड़ फेंकने की प्रेरणा दी।
3) लुई फिलिप की विदेश नीति संपादित करें
फिलिप की विदेश नीति संपादित करेंलुई फिलिप की विदेश नीति बहुत दुर्बल थी। बेल्जियम तथा पूर्वी समस्या के मामले में उसे इंग्लैण्ड से शिकस्त खानी पड़ी थी जिससे फ्रांस की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा था। फ्रांस की जनता इन असफलताओं से बहुत असंतुष्ट थी।
4) गीजो मंत्रिमंडल की प्रतिक्रियावादी नीति संपादित करें
मंत्रिमंडल की प्रतिक्रियावादी नीति संपादित करेंगीजों के मंत्रिमंडल (1840-48) ने 1848 की क्रांति को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह श्रमिकों की दशा में सुधार लाने का विरोधी था और इसलिए उनके लिए कानून बनाना नहीं चाहता था। उसने राजा को किसी भी तरह परिवर्तन न करने की सलाह दी। फलतः जनता में असंतोष व्याप्त हो गया अतः जनता ने 24 फरवरी 1848 को गीजो एवं लुई फिलीप के विरूद्ध विद्रोह कर दिया।