Social Sciences, asked by haneysingh83, 1 month ago

फ्रांसिसी क्रांति में मीरव्यो और आबे सिए की क्या भूमिका थी​

Answers

Answered by sakshi1158
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Answer:

फ्रांसीसी क्रान्ति (फ्रेंच : Révolution française; (रे)वोलूस्यों फ़्रांसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रान्ति को आगे बढ़ाया। क्रान्ति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रान्ति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एवं उदार प्रजातन्त्र बने।

Answered by kirankaurspireedu
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Answer:

सही जवाब है

वे फ्रांस के लिए एक संविधान पेश करना चाहते थे जो सम्राट की शक्तियों को सीमित कर दे। मिराब्यू और अब्बे सियेस ने आंदोलन का नेतृत्व किया। मीराब्यू ने एक पत्रिका निकाली और वर्साय में इकट्ठी भीड़ को प्रेरित करने के लिए शक्तिशाली भाषण दिए।

Explanation:

  • 1789 से 1799 तक चली फ्रांसीसी क्रान्ति फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो ।
  • बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रान्ति को आगे बढ़ाया।
  • क्रान्ति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रान्ति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ।
  • इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी।
  • इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एवं उदार प्रजातन्त्र बने.

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