फातिमा ने कहा- “ मैं किराए पर साइकिल लेती हूं ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूं।”
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आजादी का अनुभव क्यों होता होगा?
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उत्तर :
साइकिल चलाना पुदुक्कोट्टई की महिलाओं के लिए विकास स्वतंत्रता एवं उन्नति का प्रतीक है। यहां की महिलाएं साइकिल चलाकर आजादी का अनुभव इसलिए करती है, क्योंकि साइकिल के पहिए की तरह उनके जीवन का चक्र भी आसानी से चलने लगा है। अब वे महिलाएं किस पर निर्भर नहीं है वह अपना काम स्वयं करती हैं स्वतंत्रतापूर्वक यहां वहां घूमती हैं। अपने बनाए हुए सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने का काम भी बड़ी आसानी एवं सूझबूझ के साथ करती हैं। अपने किसी पुरुष विशेष के साथ की जरूरत नहीं पड़ती। इन सभी बातों के कारण पुदुक्कोट्टई की महिलाएं आजादी का अनुभव करती होंगी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
साइकिल चलाना पुदुक्कोट्टई की महिलाओं के लिए विकास स्वतंत्रता एवं उन्नति का प्रतीक है। यहां की महिलाएं साइकिल चलाकर आजादी का अनुभव इसलिए करती है, क्योंकि साइकिल के पहिए की तरह उनके जीवन का चक्र भी आसानी से चलने लगा है। अब वे महिलाएं किस पर निर्भर नहीं है वह अपना काम स्वयं करती हैं स्वतंत्रतापूर्वक यहां वहां घूमती हैं। अपने बनाए हुए सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने का काम भी बड़ी आसानी एवं सूझबूझ के साथ करती हैं। अपने किसी पुरुष विशेष के साथ की जरूरत नहीं पड़ती। इन सभी बातों के कारण पुदुक्कोट्टई की महिलाएं आजादी का अनुभव करती होंगी।
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Explanation:
इसका सबसे बड़ा कारण फातिमा के गाँव की पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ हैं जहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। उनके विरोध में खड़े होकर अपने को पुरुषों की बराबरी का दर्जा देकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर फातिमा ने जो कदम उठाया उससे उसने स्वयं को, अपने जैसी अन्य महिलाओं को सम्मान दिया है। उससे आज़ादी का अनुभव करना लाज़मी है। वे कहीं आने-जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रही।
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