Hindi, asked by sanjuktarb83391, 11 months ago

फूटा प्रभात कविता में लौ भरे सीप किन्हें कहा गया है

Answers

Answered by TheChessKing
2

Answer:  here your answer

अहिंसा / भारत भूषण अग्रवाल

खाना खा कर कमरे में बिस्तर पर लेटा

सोच रहा था मैं मन ही मन: 'हिटलर बेटा'

बड़ा मूर्ख है, जो लड़ता है तुच्छ-क्षुद्र मिट्टी के कारण

क्षणभंगुर ही तो है रे! यह सब वैभव-धन।

अन्त लगेगा हाथ न कुछ, दो दिन का मेला।

लिखूँ एक ख़त, हो जा गाँधी जी का चेला।

वे तुझ को बतलायेंगे आत्मा की सत्ता

होगी प्रकट अहिंसा की तब पूर्ण महत्ता।

कुछ भी तो है नहीं धरा दुनिया के अन्दर।'

छत पर से पत्नी चिल्लायी : "दौड़ो , बन्दर!"

Similar questions