Hindi, asked by punamkum7763, 3 months ago

फेंटेसी का स्वरूप स्पष्ट करते हुए मुक्तिबोध की कविताओं के विश्लेषण के संदर्भ में इसकी उपयोगिता का विवेचन कीजिए​

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Answered by shivdharmendragautam
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Answer:

मुक्तिबोध ने स्वयं इसे भाववादी बुर्जुआ शिल्प माना है। यथार्थवादी शिल्प और यथार्थवादी दृष्टि तथा भाववादी शिल्प और भाववादी दृष्टि के अंतर को स्पष्ट करते हुए मुक्तिबोध ने लिखा है, “यथार्थवादी शिल्प के अंतर्गत यथार्थ के बिंब, यथार्थ के स्वरूप और गति के नियमों में बंधकर प्रस्तुत होते हैं।

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