फुटबॉल खेल के क्या नियम है
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फुटबॉल कुछ नियमों के अनुसार खेला जाता है जिसे खेल का नियम (Laws of the Game) कहा जाता है यह खेल एक गोल गेंद का उपयोग करते हुए खेला जाता है, जो फुटबॉल (football) के नाम से जाना जाता है ग्यारह खिलाड़ियों की दो टीमें होती है जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी दूसरी टीम के गोल पोस्ट में गेंद डालने की कोशिश करती है जिससे गोल प्राप्त ...
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Explanation:
फुटबॉल कुछ नियमों के अनुसार खेला जाता है जिसे खेल का नियम (Laws of the Game) कहा जाता है यह खेल एक गोल गेंद का उपयोग करते हुए खेला जाता है, जो फुटबॉल (football) के नाम से जाना जाता है ग्यारह खिलाड़ियों की दो टीमें होती है जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी दूसरी टीम के गोल पोस्ट में गेंद डालने की कोशिश करती है जिससे गोल प्राप्त किए जाते हैं (पोस्ट और रेखा के अन्दर) जो टीम खेल के अंत तक ज्यादा गोल करती है वह टीम विजेता होती है, अगर दोनों ही टीमें समान गोल करते हैं तो खेल ड्रा हो जाती है।
खिलाड़ी खेलने के दौरान (गोल कीपर (goalkeepers) को छोड़ कर) जान बुझकर अपने हाथ या बाँह से गेंद को हेंडल नहीं कर सकता यह खेल का प्राथमिक नियम है (हालाँकि वे अपने हाथो का इस्तेमाल गेंद को बाहर से अन्दर फेंकने (throw-in) के दौरान कर सकते हैं) हालाँकि खिलाड़ी आम तौर पर गेंद को स्थानांतरित करने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं, वे हाथों को छोड़ कर अपने शरीर के किसी भी अंग का इस्तेमाल कर सकते हैं
इस विशिष्ट खेल में खिलाड़ी अपने व्यक्तिक नियंत्रण जैसे ड्रिब्लिंग (dribbling), अपने टीम के खिलाड़ियों को गेंद देना और गोल पोस्ट में गोल मारना जहाँ विरोधी टीम का गोल कीपर के द्वारा रक्षा किया जाता है के माध्यम से गोल स्कोरिंग अवसरों का निर्माण करता है। विरोधी खिलाड़ी गेंद को एक दुसरे को देते समय गेंद को अपने कब्जे में लेने की कोशिश तथा प्रतिद्वंदी से निपटने के माध्यम से गेंद पर नियंत्रण कर सकते हैं, लेकिन विरोधियों से शारीरिक संपर्क सीमाबद्ध है। आम तौर पर फुटबॉल न रुकने वाला खेल है यह खेल तभी रूकती है जब गेंद मैदान से बाहर न जाए या रेफरी (referee) के द्वारा खेल को न रोका जाए। ठहराव के बाद खेल निर्दिष्ट समय के लिए फिर से शुरू होती है
एक पेशेवर स्तर पर अधिकतर मैचों में कुछ ही गोल बन पाते हैं। उदाहरणस्वरुप, वर्ष 2005 -06 के मौसम (2005–06 season) में इंग्लिश प्रेमिएर लीग (Premier League) एक मैच में 2.48 के औसत से गोल बना सकी। खेल के नियमों में गोल कीपर को छोड़ कर किसी भी खिलाड़ी का स्थान निर्धारित नहीं है, लेकिन अनेक नंबरों में विशेष भूमिकाओं (specialised roles) को दिखाया है। मोटे तौर पर मुख्य रूप से इसमें तीन श्रेणियां शामिल हैं; स्ट्राइकर (striker), या आगे, जिसका मुख्य कार्य गोल मारना होता है; रक्षक (defenders), जो विशेष रूप से अपने विरोधियों को गोल स्कोर करने से रोकता है; और बीच का खिलाड़ी (midfielder) जो विपक्षी के गेंद के ऊपर से अधिकार छीन कर अपने आगे खेलने वाले खिलाड़ियों को गेंद देने का कार्य करता है। इस प्रकार के खिलाड़ियों को आउटफील्ड खिलाड़ी के रूप में उल्लेख किया जाता है, जो गोल कीपर के साथ पहचाना जाता है। मैदान के क्षेत्र के अनुसार इन स्थानों को प्रतिभाग किया जाता है जहाँ खिलाड़ी ज्यादातर समय बिताते हैं। उदाहरण के लिए, वहाँ केंद्रीय रक्षक और बाएं और दायें के मध्यस्थ खिलाड़ी रहते हैं। इस दस आउटफील्ड खिलाड़ियों का संयोजन किसी भी व्यवस्था में किया जा सकता है। प्रत्येक स्थान के अनेक खिलाड़ी टीम के खेलने की शैली को अपनाते हैं। अधिकतर आगे के खिलाड़ी और कुछ रक्षक खिलाड़ी उत्तेजक और आक्रामक- दिमागी खेल की रचना करते हैं, जब विपक्षी धीरे तथा आत्मरक्षक शैली को अपनाते हैं। जब तक एक खिलाड़ी अधिकतर खेलों में एक विशिष्ट स्थान में खेलता है, तब तक खिलाड़ी के चाल में कुछ प्रतिबन्ध होते हैं और खिलाड़ी को किसी भी समय उस स्थान को छोड़ना पड़ता है। टीम के खिलाड़ियों की क्षैतिज रूपरेखा को बनावट/निर्माण (formation) के रूप में जाना जाता है। आम तौर पर टीम का गठन और रणनीति पर टीम के प्रबंधक (manager) का विशेष अधिकार होता है।
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