फादर बुल्के की मृत्यु से लेखक आहत क्यों था? ‘मानवीय करुणा की ददव्य चमक’ पाि के आधार
पर वलवखए ।
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"सर्वेश्वर दयाल सक्सेना" द्वारा लिखित "मानवीय करुणा की दिव्य चमक " पाठ से संबंधित है ।लेखक के मन में फादर कामिल बुल्के की यातना भरी मृत्यु के बाद अनेक तरह के विचार और भाव उत्पन्न हुए ।लेखक फादर कामिल बुल्के को एक दिव्यात्मा मानता था और उनकी यातना भरी मृत्यु से लेखक आहत था ।
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