Hindi, asked by ddagar2005, 6 months ago

फादर बुल्के की शिक्षा व अध्ययन के बारे में
लिखिए। मानवीय करूणा की दिव्य चमक पाठ पर आधारित, कक्षा 10।​

Answers

Answered by nikitajoshi89046
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Answer

यहां बालगोविंद भगत का चित्रण किया गया है। उसकी शारीरिक विशेषताओं के साथ उसके पहनावे का भी वर्णन किया गया है। उनके पहनावे और वेश-भूषा से उन्हें साधु नहीं कहा जा सकता है। वे गृहस्ती थे, उनका एक बेटा और बहू थी। परिवार और खेतीबाड़ी के होते हुए भी बालगोविंद सन्यासी की तरह थी। वह कबीर को साहब मानते थे, उनके गीत और आदेशों का पालन करते थे,सीधा और सच्चा व्यवहार करते थे।ना ही दूसरों के खेतों में शौच आदि करते थे। खेत में पैदा हुए अनाज को सिर पर लादकर कबीर के दरबार में ले जाते, वहां से प्रसाद के रूप में जो मिलता उसी से गुजारा करते। लेखक उनके द्वारा गाए गए कबीर के पद सुनकर आनंदित हो उठता था।

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