फादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नई छवि प्रस्तुत की है,कैसे ?
2 points
वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे परन्तु मन से संन्यासी नहीं थे
वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे और मन से भी संन्यासी थे
सभी सन्यासियों जैसे थे और उनके रास्तों पर चलते थे
फादर बुल्के एक विदेशी होते हुए संन्यासी
Answers
Answered by
5
Answer:
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक फादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे? फ़ादर बुल्के अपनी वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे परंतु वे मन से संन्यासी नहीं थे। वे विशेष संबंध बनाकर नहीं रखते परंतु फादर बुल्के जिससे रिश्ता बना लेते थे उसे कभी नहीं तोडते थे।
Similar questions