फादर को जहर बाद से नहीं मरना चाहिए था लेखक के इस कथन से आप कहा तक सहमत है?
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फादर के मन में सदैव दूसरों के लिए प्रेम व अपनत्व की भावना थी । ऐसे सौम्य व स्नेही व्यक्ति की ऐसी दर्दनाक मृत्यु होना उनके साथ अन्याय है इसलिए लेखक ने कहा है कि “फादर को जहरबाद से नहीं मरना चाहिए था।” ... लेखक बताते हैं कि वे अक्सर अपनी मां की स्मृति में डूब जाते थे। उन्हें अपनी मां की बहुत याद आती थी।
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