फादर की झुंझलाहट और दुख का क्या कारण था
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फादर कामिल बुल्के (1 सितंबर 1909 - 17 अगस्त 1982) बेल्जियम से भारत आए एक मिशनरी थे। भारत आने के बाद वे मरते दम तक हिन्दी, तुलसी और वाल्मीकि के भक्त रहे।
Explanation:
इस पड़ाव को सुनकर वे हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे। यहां के लोगों की हिंदी के प्रति उदासीनता देखकर उन्हें गुस्सा आता था। इन एपिसोड्स से पता चलता है कि वे हिन्दी के दीवाने थे। वे हमेशा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए चिंतित रहते थे।
फादर बुल्के ने पहला अंग्रेजी-हिंदी डिक्शनरी तैयार किया। वे हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे। यहां के लोगों की हिंदी के प्रति उदासीनता देखकर उन्हें गुस्सा आता था। इन एपिसोड्स से पता चलता है कि वे हिन्दी के दीवाने थे।
वे हमेशा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए चिंतित रहते थे। इसके लिए वह हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करते थे। उन्हें उन लोगों पर गुस्सा आता था जो हिन्दी जानते हुए भी हिन्दी का प्रयोग नहीं करते थे।
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