Hindi, asked by anishlord4321, 1 year ago

फादर कामिल बुल्के लोगों के घर परिवार एंव उनके निजी दुख तकलीफों को क्यों पूछते थे

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Answered by shishir303
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ये प्रश्न पाठ ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ से लिया गया है, जिसके लेखक ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ हैं।

फादर कामिल बुल्के लोगों के घर-परिवार एवं उनके निजी दुख तकलीफों को इसलिये पूछते थे क्योंकि वो करुणा से भरे हुये थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम था। वो लोगों से घुलते-मिलते रहते थे और उनके दुख-सुख के बारे पूछते रहते थे। संकट की घड़ी में वे सांत्वना के दो शब्द बोलकर वो लोगों को धीरज बंधाते थे।। द्वारा किसी भी मनुष्य का धीरज बाँधते थे। लोगों के दुखों में अपनी संवेदना व्यक्त करना और लोगों ढांढस बंधाना उनके स्वभाव में शामिल था। उनके मन सबके लिये करुणा और प्रेम था। वो किसी का दुख देख नही पाते थे और यथासंभव उस व्यक्ति के दुख को दूर करने का प्रयत्न करते थे। इस पाठ के लेखक की पत्नी तथा पुत्र की मृत्यु पर फ़ादर बुल्के ने ही धीरज बंधाया था।

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