Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

फादर को याद करना एक उदास शांत सगींत को सुनने जैसा हैं? कयो??

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Answered by Hrishi7829
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jis prakar udasi aur bhavuktake shadon me udasi bhara shant sangeet sunna achha lagta h usi prakar manviya karuna se poorna father ko yaad krne se waisi hi shanti milti hai.......

Hrishi7829: isko brainliest mark kr do plzz
Anonymous: nhi
Hrishi7829: koi baat nhi
Hrishi7829: byye
Hrishi7829: and thnks for the ques
Hrishi7829: meri practice ho gyi
Answered by jayathakur3939
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प्रशन :- फादर को याद करना एक उदास शांत सगींत को सुनने जैसा हैं? कयो ?

उत्तर :- हम फ़ादर कामिल को याद करते हैं तो उनका करुणा पूर्ण और शांत व्यक्तित्व सामने आ जाता है। फ़ादर को याद करने से दु:ख होता है और यह दु:ख एक उदास शांत संगीत की तरह हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ जाता है। उनके न रहने से मन उदासी से भर जाता है।

फ़ादर बुल्के मानवीय करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था जो कि उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता था। वे लोगों को अपने आशीषों से भर देते थे। उनकी आँखों की चमक में असीम वात्सल्य तैरता रहता था। दुःख से विरक्त लोगों को वे सांत्वना के दो बोल बोलकर शीतलता प्रदान करते थे। किसी भी मानव का दु:ख उनसे देखा नहीं जाता था। उसके कष्ट दूर करने के लिए वे यथाशक्ति प्रयास करते थे।

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