Facebook kya hai? esy kisny shuru kiya ? Facebook k labh or hani btay? ??
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facebook is a social network which was launched on 2004 by Mark Zukerberg along with some students of Harvard college. It is a platform which globally connects people from every corner of the world. Its headquater is present in Menlo Park California.
hope it will help
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फेसबुक क्या है?
फेसबुक को आम भाषा में “सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट” कहा जाता है, यानि अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, पेशावर और सामाजिक जीवन में जान पहचान के लोगों से जुड़ने और संवाद और जीवन के कई आयामों को उन लोगों के साथ साझा करने का माध्यम ।
markjuterburg started the facebook or he is colour blind
फेसबुक समय व्यर्थ करता है– मित्रों संस्कृत में एक श्लोक है “अति सर्वत्र वर्जयेते” यानि अति किसी भी काम में नहीं करनी चाहिए। लेकिन बहुत से लोग अपना बहुत सा कीमती समय फेसबुक पर बिताते हैं जिससे उनके अन्य जरूरी काम पूरे नहीं हो पाते। खासकर स्टूडेंट्स के ऊपर तो फेसबुक का बहुत असर पड़ता है और इसके ज्यादा इस्तेमाल से उनकी पढाई पर बुरा असर होता है। लोग मिनट-मिनट में फेसबुक चेक करते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं।
Facebook आपको डिप्रेश करता है– जी हाँ मित्रों फेसबुक और फेसबुक friends आपके सामने ऐसा माहौल बना देते हैं जिससे आपको डिप्रेशन हो सकता है। फेसबुक पर लोग हमेशा अपनी achievements को ही share करते हैं।अब अगर आपके फेसबुक पर सैकड़ों friends हैं तो रोज कोई न कोई friend अपनी कुछ न कुछ achievement जैसे कोई नयी purchase या कोई tour या कोई event की फोटो या स्टेटस share करता है। इसकी वजह से आपको ऐसा लगता है जैसे हर कोई आपसे काफी अधिक खुश और अच्छी स्थिति में है।
पर असल में भी ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं। क्योकि जब लोग समस्याओं से जूझ रहे होते हैं या फिर उनके साथ कुछ बुरा होता है तो अक्सर वो ये बातें फेसबुक पर पोस्ट नहीं करते। इससे फेसबुक पर एक प्रकार का bias पैदा हो जाता है जहाँ हर कोई खुश नजर आता है। और जब आप अपनी असली जिंदगी की तुलना फेसबुक पर उपलब्ध इन ख़ुशी भरी posts से करते हैं तो आपको लगता है कि आप अन्य लोगों की तुलना में ग़रीब, दुखी हैं और आपके जीवन में कुछ exiting नहीं हो रहा है।
इन बातों से आप समझ गए होंगे कि फेसबुक किस प्रकार ऐसा माहौल बनता है जो आपको डिप्रेशन में ले जा सकता है।
फेसबुक पर चीटिंग और फ्रॉड का खतरा रहता है– फेसबुक internet के माध्यम से चलता है जहाँ पर हर एक व्यक्ति की असलियत को verify करना संभव नहीं है। ऐसे में हम उनके द्वारा दी गयी जानकारी को ही सही मानकर चलते हैं इससे ऐसे लोगों पर भरोसा करना हमें काफी भरी पड़ सकता है।
हालांकि फेसबुक की टर्म्स एंड पॉलिसीस में अपने बारे में गलत जानकारी देना allowed नहीं है पर इसको फेसबुक verify नहीं कर सकता।ऐसी स्थिति में फेसबुक पर फ्रॉड की खबरें अक्सर अखबारों में आती रहती हैं। इसके अलावा फेसबुक पर share की गयी जानकारियों की सत्यता प्रमाणित करना भी मुश्किल होता है और इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फेसबुक पर झूठ फैलाते रहते हैं।
फेसबुक से छात्रों का रिजल्ट खराब होता है– फेसबुक के अधिक इस्तेमाल से छात्रों की पढाई पर बुरा असर होता है। खासकर फेसबुक notifications और messenger पर chat रिक्वेस्ट से पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब होती है और उनका रिजल्ट खराब हो जाता है।
फेसबुक से आपका स्वास्थ्य खराब होता है– फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वाले दिन भर अपने मोबाइल या ल[पटप से चिपके रहते हैं जिससे उनकी physical एक्टिविटीज कम हो जाती हा जो आपके हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है।
फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों को मौत का भी खतरा रहता है– जो लोग फेसबुक पर अजीब अजीब और खतरनाक जगहों की selfie पोस्ट करते रहते हैं उनकी इन खतरनाक जगहों पर selfie लेने के चक्कर में जान जाने का भी खतरा बना रहता है। selfie डेथ की ख़बरें आए दिन अखबारों में छपती रहती हैं।
फेसबुक आपको internet से अलग कर देता है– जी हाँ फेसबुक भले ही internet पर ही चलता है पर इसके features आपको internet का इस्तेमाल ना कर फेसबुक पर ही रहने के लिए बाध्य कर देते हैं जिससे आप internet पर अन्य एक्टिविटीज करने के बजाय फेसबुक तक ही सिमित रह जाते हैं। और फेसबुक में जो share हुआ, जो न्यूज़ आयी, जो विडियो आया वही देखकर जानकारी जुटाते हैं। इस प्रकार आप internet के इस्तेमाल का पूरा फायदा नहीं उठा पाते।
Facebook आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकता है– कुछ समय पहले फेसबुक ने एक experiment किया था जब उन्होंने लोगों के फेसबुक फीड में आने वाले posts को फ़िल्टर किया। यानी किसी को सिर्फ अच्छी खबरों वाले posts दिखाए और किसी को सिर्फ बुरी खबरों वाले posts। इसके बाद इन लोगों पर होने वाले प्रभाव को देखा गया। इस प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया की फेसबुक पर जिस प्रकार की posts ज्यादा आती हैं लोगों का मूड भी वैसा ही हो जाता है।
मतलब फेसबुक हमारी भावनाओं को बदल सकता है। यह स्थिति किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं होती। क्योंकि यह फेसबुक को एक ऐसी शक्ति दे देती है जो लोगों का काफी नुक्सान कर सकती है। इसलिए फेसबुक का प्रयोग देश के दुश्मन प्रोपेगैंडा फ़ैलाने के लिए भी कर सकते हैं।
फेसबुक को आम भाषा में “सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट” कहा जाता है, यानि अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, पेशावर और सामाजिक जीवन में जान पहचान के लोगों से जुड़ने और संवाद और जीवन के कई आयामों को उन लोगों के साथ साझा करने का माध्यम ।
markjuterburg started the facebook or he is colour blind
फेसबुक समय व्यर्थ करता है– मित्रों संस्कृत में एक श्लोक है “अति सर्वत्र वर्जयेते” यानि अति किसी भी काम में नहीं करनी चाहिए। लेकिन बहुत से लोग अपना बहुत सा कीमती समय फेसबुक पर बिताते हैं जिससे उनके अन्य जरूरी काम पूरे नहीं हो पाते। खासकर स्टूडेंट्स के ऊपर तो फेसबुक का बहुत असर पड़ता है और इसके ज्यादा इस्तेमाल से उनकी पढाई पर बुरा असर होता है। लोग मिनट-मिनट में फेसबुक चेक करते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं।
Facebook आपको डिप्रेश करता है– जी हाँ मित्रों फेसबुक और फेसबुक friends आपके सामने ऐसा माहौल बना देते हैं जिससे आपको डिप्रेशन हो सकता है। फेसबुक पर लोग हमेशा अपनी achievements को ही share करते हैं।अब अगर आपके फेसबुक पर सैकड़ों friends हैं तो रोज कोई न कोई friend अपनी कुछ न कुछ achievement जैसे कोई नयी purchase या कोई tour या कोई event की फोटो या स्टेटस share करता है। इसकी वजह से आपको ऐसा लगता है जैसे हर कोई आपसे काफी अधिक खुश और अच्छी स्थिति में है।
पर असल में भी ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं। क्योकि जब लोग समस्याओं से जूझ रहे होते हैं या फिर उनके साथ कुछ बुरा होता है तो अक्सर वो ये बातें फेसबुक पर पोस्ट नहीं करते। इससे फेसबुक पर एक प्रकार का bias पैदा हो जाता है जहाँ हर कोई खुश नजर आता है। और जब आप अपनी असली जिंदगी की तुलना फेसबुक पर उपलब्ध इन ख़ुशी भरी posts से करते हैं तो आपको लगता है कि आप अन्य लोगों की तुलना में ग़रीब, दुखी हैं और आपके जीवन में कुछ exiting नहीं हो रहा है।
इन बातों से आप समझ गए होंगे कि फेसबुक किस प्रकार ऐसा माहौल बनता है जो आपको डिप्रेशन में ले जा सकता है।
फेसबुक पर चीटिंग और फ्रॉड का खतरा रहता है– फेसबुक internet के माध्यम से चलता है जहाँ पर हर एक व्यक्ति की असलियत को verify करना संभव नहीं है। ऐसे में हम उनके द्वारा दी गयी जानकारी को ही सही मानकर चलते हैं इससे ऐसे लोगों पर भरोसा करना हमें काफी भरी पड़ सकता है।
हालांकि फेसबुक की टर्म्स एंड पॉलिसीस में अपने बारे में गलत जानकारी देना allowed नहीं है पर इसको फेसबुक verify नहीं कर सकता।ऐसी स्थिति में फेसबुक पर फ्रॉड की खबरें अक्सर अखबारों में आती रहती हैं। इसके अलावा फेसबुक पर share की गयी जानकारियों की सत्यता प्रमाणित करना भी मुश्किल होता है और इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फेसबुक पर झूठ फैलाते रहते हैं।
फेसबुक से छात्रों का रिजल्ट खराब होता है– फेसबुक के अधिक इस्तेमाल से छात्रों की पढाई पर बुरा असर होता है। खासकर फेसबुक notifications और messenger पर chat रिक्वेस्ट से पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब होती है और उनका रिजल्ट खराब हो जाता है।
फेसबुक से आपका स्वास्थ्य खराब होता है– फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वाले दिन भर अपने मोबाइल या ल[पटप से चिपके रहते हैं जिससे उनकी physical एक्टिविटीज कम हो जाती हा जो आपके हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है।
फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों को मौत का भी खतरा रहता है– जो लोग फेसबुक पर अजीब अजीब और खतरनाक जगहों की selfie पोस्ट करते रहते हैं उनकी इन खतरनाक जगहों पर selfie लेने के चक्कर में जान जाने का भी खतरा बना रहता है। selfie डेथ की ख़बरें आए दिन अखबारों में छपती रहती हैं।
फेसबुक आपको internet से अलग कर देता है– जी हाँ फेसबुक भले ही internet पर ही चलता है पर इसके features आपको internet का इस्तेमाल ना कर फेसबुक पर ही रहने के लिए बाध्य कर देते हैं जिससे आप internet पर अन्य एक्टिविटीज करने के बजाय फेसबुक तक ही सिमित रह जाते हैं। और फेसबुक में जो share हुआ, जो न्यूज़ आयी, जो विडियो आया वही देखकर जानकारी जुटाते हैं। इस प्रकार आप internet के इस्तेमाल का पूरा फायदा नहीं उठा पाते।
Facebook आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकता है– कुछ समय पहले फेसबुक ने एक experiment किया था जब उन्होंने लोगों के फेसबुक फीड में आने वाले posts को फ़िल्टर किया। यानी किसी को सिर्फ अच्छी खबरों वाले posts दिखाए और किसी को सिर्फ बुरी खबरों वाले posts। इसके बाद इन लोगों पर होने वाले प्रभाव को देखा गया। इस प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया की फेसबुक पर जिस प्रकार की posts ज्यादा आती हैं लोगों का मूड भी वैसा ही हो जाता है।
मतलब फेसबुक हमारी भावनाओं को बदल सकता है। यह स्थिति किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं होती। क्योंकि यह फेसबुक को एक ऐसी शक्ति दे देती है जो लोगों का काफी नुक्सान कर सकती है। इसलिए फेसबुक का प्रयोग देश के दुश्मन प्रोपेगैंडा फ़ैलाने के लिए भी कर सकते हैं।
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