India Languages, asked by buadass1976, 10 months ago

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Hictivity ghar me rahene vale kuch
व्यायामों के
नाम लिखिर साथ ही उसे जिस प्रकार किया
(जाताही अस तार मै भी लिख आप या तो
उन व्यायाम आसनों का चित्र भी ना
सातही​

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Answered by Madalasa22
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Answered by batradanish62
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आसन का शाब्दिक अर्थ है- संस्कृत शब्दकोष के अनुसार आसनम् (नपुं.)[आस्+ल्युट]1.बैठना,2.बैठने का आधार, 3.बैठने की विशेष प्रक्रिया 4.बैठ जाना इत्यादि। पातंजल योगदर्शन में विवृत्त अष्टांगयोग [यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा ध्यान समाधि]में इस क्रिया का स्थान तृतीय है जबकि गोरक्षनाथादि द्वारा प्रवर्तित षडंगयोग (छः अंगों वाला योग) में आसन का स्थान प्रथम है। चित्त की स्थिरता, शरीर एवं उसके अंगों की दृढ़ता और कायिक सुख के लिए इस क्रिया का विधान मिलता है। विभिन्न ग्रन्थों में आसन के लक्षण ये दिए गए हैं- उच्च स्वास्थ्य की प्राप्ति, शरीर के अंगों की दृढ़ता, प्राणायामादि उत्तरवर्ती साधनक्रमों में सहायता, चित्तस्थिरता, शारीरिक एवं मानसिक सुख दायी आदि। पंतजलि ने मनकी स्थिरता और सुख को लक्षणों के रूप में माना है। प्रयत्नशैथिल्य और परमात्मा में मन लगाने से इसकी सिद्धि बतलाई गई है। इसके सिद्ध होने पर द्वंद्वों का प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता। किन्तु पतंजलि ने आसन के भेदों का उल्लेख नहीं किया। उनके व्याख्याताओं ने अनेक भेदों का उल्लेख (जैसे-पद्मासन, भद्रासन आदि) किया है। इन आसनों का वर्णन लगभग सभी भारतीय साधनात्मक साहित्य में मिलता है।

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