फर्म के पूर्ति वक्र के निर्धारक तत्वों का वर्णन कीजिये-
अथवा
एक अनुसूची और रेखाचित्र की सहायता से पूर्ति के नियम को समझाइये।
Answers
Answer:
फर्म के पूति वक्र के निधारक 3 तत्व होते हैं ।
वे इस प्रकार हैं: -
प्रौद्योगिकीय प्रगति:
उत्पादन तकनीक में प्रगति के माध्यम से एक फर्म उत्पादन साधनों की समान मात्रा से अधिक उत्पादन कर सकती है। दूसरे शब्दों में, प्रोन्नत उत्पादन तकनीक से उत्पादन के समान स्तर को, साधनों की कम इकाइयों के प्रयोग से भी उत्पन्न किया जा सकता है। प्रोन्नत उत्पादन तकनीक से सीमान्त लागत घट जाती है।
अत: SMC वक्र नीचे दायीं ओर खिसक जाता है जब कोई फर्म उन्नत उत्पादन तकनीक का प्रयोग करती है। आवश्यक रूप से, न्यूनतम AVC से व इससे ऊपर SMC का ऊपर उठता भाग आपूर्ति वक्र होता है। अतः फर्म का आपूर्ति वक्र भी नीचे दायीं ओर खिसक जाता है जब कोई फर्म प्रोन्नत उत्पादन तकनीक का प्रयोग करती है।
आगत कीमतें:
उत्पादन आगतों की कीमत बढ़ने से उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हो जाती है। इससे सीमांत लागत बढ़ जाती है। सीमांत लागत वक्र ऊपर/बायीं ओर खिसक जाता है। न्यूनतम AVC से व इससे ऊपर SMC का ऊपर उठता हुआ भाग आपूर्ति वक्र होता है।
अतः साधनों आगतों की कीमत/लागत बढ़ने से आपूर्ति वक्र ऊपर/बायीं ओर खिसक जाता है।
इकाई कर:
प्रति इकाई बिक्री पर सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क को इकाई शुल्क कहते हैं। इकाई उत्पादन शुल्क आरोपित करने पर फर्म की सीमांत लागत बढ़ जाती है। इससे सीमांत लागत वक्र ऊपर/बायीं ओर खिसक जाता है। न्यूनतम AVC से व इससे ऊपर SMC का ऊपर उठता भाग आपूर्ति वक्र को दर्शाता है।
अतः कर लगाने पर फर्म का आपूर्ति वक्र ऊपर/बायीं ओर खिसक जाता है।
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