Biology, asked by portuguese97781, 10 months ago

फसल-चक्रण क्या है ? किस प्रकार यह मृदा की उर्वरता बनाए रखती है ?

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Answered by Anonymous
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Answer:

विभिन्न फसलों को किसी निश्चित क्षेत्र पर, एक निश्चित क्रम से, किसी निश्चित समय में बोने को सस्य आवर्तन (सस्यचक्र या फ़सल चक्र (क्रॉप रोटेशन)) कहते हैं। इसका उद्देश्य पौधों के भोज्य तत्वों का सदुपयोग तथा भूमि की भौतिक, रासायनिक तथा जैविक दशाओं में संतुलन स्थापित करना है। यानि एक वर्ष में एक खेत में दो या दो से अधिक फसलो को एक के बाद एक योजना बनाकर उगाना.

Explanation:

फसल चक्र में विभिन्न फसलो को आवश्यकता के अनुसार शामिल किया जाना चाहिये. इसमे फसलो के चयन में विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिये. वर्ष में कम से कम एक फसल दलहनी अवश्य होनी चाहिये जिससे मृदा का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है. मृदा में पोषक तत्वों का संतुलन रहता है और अधिक गुणवत्ता वाला उत्पादन होता है. फसल चक्र की सहायता से मृदा के रासायनिक, भौतिक तथा जैविक गुणों को बढ़ाया जा सकता है. फसल चक्र के अनुसार कृषि करके किसी भू -खंड के औसत मृदा क्षरण पर नियंत्रण किया जा सकता है. फसल चक्र विधि का उपयोग कीटों की अधिक जनसंख्या को कम करने तथा कीटों के जीवन चक्र को खत्म करने में भी किया जाता है. फसल चक्र विधि से मृदा में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में वृद्धि होती है जिसके फलस्वरूप मृदा की अवशोषण क्षमता में वृद्धि होती है. इस विधि के द्वारा मृदा की उर्वरता में भी वृद्धि होती है. अच्छी जुताई करने से फसल चक्र के द्वारा मृदा श्ररण और अवसादों के ह्रास पर नियन्त्रण रखना सम्भव है.

Answered by hr8164845
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Answer:

do dhaay fassal ke bich ak dalahani fassal lagai jati hai use fassal chakran kahate Hain iske dwara mrida mein portioniye Aster barkarar rahati hai kyunki dalani faslon mein nitrogen sticker jivanu paye j jaate Hain

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