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सिुदुदनदा द ाकीुगिसुदीसुकाादन
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हिंदी - बाल महाभारत कथा - Class 7 (Chapter 21-40)
Bal Mahabharat Katha – मत्रणा / Mantrna (Chapter 24 - Page 61&62)
हिंदी - बाल महाभारत कथा - Class 7 / Grade 7
Bal Mahabharat Katha – मत्रणा / Mantrna (Chapter 24 - Page 61&62)
Bal Mahabharat Katha – मत्रणा / Mantrna (Chapter 24 - Page 61&62)
मत्रणा – प्रश्नPage
मत्रणा
(Page 61)
(Page 62)
Image from NCERT book
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 किसने किससे कहा?
“"आप शस्त्र उठाएँ या न उठाएँ, आप चाहे लड़ें या न लड़े, मैं तो आपको ही चाहता हूँ।"”
अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा ।
प्रश्न-2 अर्जुन ने सेना-बल के बजाए नि:शस्त्र श्रीकृष्ण को क्यों पसंद किया?
उत्तर - अर्जुन ने सेना-बल के बजाए नि:शस्त्र श्रीकृष्ण को इसलिए पसंद किया क्योंकि वह जानते थे की श्रीकृष्ण वह शक्ति है जो की अकेले ही इन तमाम राजाओं से लड़कर इन्हें कुचल सकते हैं।"
प्रश्न-3 श्रीकृष्ण से मिलने के बाद दुर्योधन किस बात के लिए आनंदित हो रहा था?
उत्तर- श्रीकृष्ण से मिलने के बाद दुर्योधन आनंदित हो रहा था क्योंकि उसे लगा कि अर्जुन ने खूब धोखा खाया और श्रीकृष्ण की वह लाखों वीरोंवाली भारी-भरकम सेना सहज में ही उसके हाथ आ गई।
प्रश्न-4 बलराम ने युद्ध में तटस्थ रहने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर- बलराम ने कहा है कि जिधर कृष्ण न हो, उस तरफ़ उनका रहना ठीक नहीं है और अर्जुन की सहायता वह करेंगें नहीं, इस कारण वह अब दुर्योधन की भी सहायता करने योग्य नहीं रहे। इसलिए उनका तटस्थ रहना ही ठीक है।
प्रश्न-5 श्रीकृष्ण ने अर्जुन से सहायता करने के विषय में क्या कहा?
उत्तर- श्रीकृष्ण ने अर्जुन से बोले "मेरी सेना एक तरफ़ होगी। दूसरी तरफ़ अकेला मैं रहूँगा। मेरी प्रतिज्ञा यह भी है कि युद्ध में मैं न तो हथियार उठाऊँगा और न ही लड़ूँगा । तुम भली-भाँति सोच लो, तब निर्णय करो। इन दो में से जो पसंद हो, वह ले लो।"
प्रश्न-6 राजा शल्य कौन थे और उन्होंने पांडवों की सहायता के लिए क्या किया?
उत्तर- मद्र देश के राजा शल्य, नकुल-सहदेव की माँ माद्री के भाई थे। जब उन्हें यह खबर मिली कि पांडव उपप्लव्य के नगर में युद्ध की तैयारियाँ कर रहे हैं, तो उन्होंने एक भारी सेना इकट्ठी की और उसे लेकर पांडवों की सहायता के लिए उपप्लव्य की ओर रवाना हो गए।
प्रश्न-7 युधिष्ठिर ने राजा शल्य से क्या प्रश्न किया?
उत्तर - युधिष्ठिर बोला-“मामा जी! मौका आने पर निश्चय ही महाबली कर्ण आपको अपना सारथी बनाकर अर्जुन का वध करने का प्रयत्न करेगा। मैं यह जानना चाहता है कि उस समय आप | अर्जुन की मृत्यु का कारण बनेंगे या अर्जुन को रक्षा का प्रयत्न करेंगे?"
प्रश्न-8 मद्रराज शल्य ने महाराज युधिष्ठिर और द्रौपदी को क्या कह कर दिलासा दिया?
उत्तर – महाराज युधिष्ठिर और द्रौपदी को मद्रराज शल्य ने दिलासा दिया और कहा "जीत उन्हीं की होती है, जो धीरज से काम लेते हैं। युधिष्ठिर! कर्ण और दुर्योधन की बुद्धि फिर गई है। अपनी दुष्टता के फलस्वरूप निश्चय ही उनका सर्वनाश होकर रहेगा।”
प्रश्न-9 दुर्योधन ने राजा शल्य को किस प्रकार अपने पक्ष में किया?
उत्तर – जब दुर्योधन ने सुना कि राजा शल्य विशाल सेना लेकर पांडवों की सहायता के लिए जा रहे हैं, तो उसने किसी प्रकार इस सेना को अपनी ओर कर लेने का निश्चय कर लिया। अपने कुशल कर्मचारियों को उसने आज्ञा दी कि रास्ते में जहाँ कहीं भी राजा शल्य और उनकी सेना डेरा डाले, उसे हर तरह की सुविधा पहुँचाई जाए। शल्य पर दुर्योधन के आदर-सत्कार का कुछ ऐसा असर हुआ कि उन्होंने पुत्रों के समान प्यार करने योग्य भानजों (पांडवों) को छोड़ दिया और दुर्योधन के पक्ष में रहकर युद्ध करने का वचन दे दिया।
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