Hindi, asked by hardik636, 1 year ago

father bulke ki discnory short note in hindi

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Answered by abhishek00001
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फादर कामिल बुल्के (अंग्रेजी: Father Kamil Bulcke) (1 सितंबर 1909 – 17 अगस्त 1982) बेल्जियम से भारतआये एक मिशनरी थे। भारत आकर मृत्युपर्यंत हिंदी, तुलसीऔर वाल्मीकि के भक्त रहे। इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1974 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।[1]


Answered by yssatardekar20
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Answer:

फ़ादर बुल्के एक सन्यासी थे, वे चोगा पहनते थे, लोगों की सहायता करते थे तथा सभी मानवीय गुणों का पालन करते थे। परन्तु सन्यासी जीवन के परंपरागत गुणों से अलग भी इनकी भूमिका रही है; जैसे – इन्होंने सन्यास ग्रहण करने के पश्चात् अपना अध्ययन जारी रखा, कुछ दिनों तक ये कालेज में भी पढ़ाते रहे तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। इसलिए फ़ादर बुल्के की छवि परंपरागत सन्यासियों से अलग है और इसी तरह वे केवल संकल्प से संन्यासी थे।

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