Father jab bhi delhi aata to kya karta tha
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- फादर बुल्के संकल्प के सन्यासी थे।
- जब भी वह दिल्ली आते तो लेखक से जरूर मिलते खोज कर मिलते समय निकालकर गर्मी सर्दी बरसात झील कर मिलते लेकिन लेखक से अवश्य मिलते।
- वह मित्रता के बहुत पक्के थे अगर मित्रता करते थे तो पूर्णता निभाते थे |
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