Fe3+ आयन का चुम्ब्कीय आघूर्ण ज्ञात कीजिये बोहर मैग्नेटोँस विधि द्वारा केमिस्ट्री
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यदि किसी समतल धारावाही लूप में नियत धारा बह रही हो तो उससे एक चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है। इस क्षेत्र की विशेषता उसका चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण होता है, जिसका व्यंजक निम्नलिखित है-
{\displaystyle {\vec {\mu }}=I{\vec {S}}}{\displaystyle {\vec {\mu }}=I{\vec {S}}}
जहाँ
{\displaystyle {\vec {\mu }}}{\displaystyle {\vec {\mu }}} – चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण है
{\displaystyle {\vec {S}}}{\displaystyle {\vec {S}}} – लूप का क्षेत्र सदिश (इसका परिमाण लूप के क्षेत्रफल के बराबर होता है)
{\displaystyle I}{\displaystyle I} – लूप धारा
द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है जो लूप के क्षेत्र के लम्बवत होती है जैसा चित्र में दिखाया गया है।
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