feature leakhan on topic Chitrakuth Jalprapath in hindi
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चित्रकोट जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊँचाई 90 फुट है।
जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। समीक्षकों ने इस प्रपात को आनन्द और आतंक का मिलाप माना है। 90 फुट ऊपर से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये गिरती है। इसके बहाव में इन्द्रधनुष का मनोरम दृश्य, आल्हादकारी है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। अपने घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जाल प्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है l
चित्रकोट जलप्रपात की तुलना दुनिया के सबसे भव्य और सुंदर झरने से की गई है।
चित्रकोट जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है, जो ओडिशा से निकलती है, पश्चिम में बहती है और चित्रकोट में गिरती है, फिर आंध्रप्रदेश में प्रवेश करती है और अंत में गोदावरी नदी में विलीन हो जाती है।
ऑफ सीजन के दौरान यह चित्रकोट जलप्रपातकई छोटी छोटी धाराओं में फैल जाता है और एक घोड़े की नाल के आकार में अलग-अलग बहता है। हालांकि, मॉनसून के दौरान चित्रकूट झरने की भयंकर धाराएं देखने को मिलती हैं।
चित्रकूट फॉल्स के बाएं किनारे पर एक छोटा हिंदू मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है और कई प्राकृतिक रूप से निर्मित कुंड और गुफाएं हैं इन गुफाओं को पार्वती गुफाओं के नाम से जाना जाता है।
चित्रकोट जलप्रपात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है। इसके अलावा इससे कुछ ही दूरी पर एक दूसरा झरना तीरथगढ़ जलप्रपात स्थित है।
नदी के तेज बहाव के कारण यह धुंध के बादल पैदा करता है और फिर अपने ही तल पर अर्धवृत्ताकार आकार में बने तालाब से टकराता है। विशेष रूप से सूर्यास्त के दौरान चित्रकोट जल प्रपात की सुंदरता देखी जा सकती है।
बाढ़ के मौसम या मानसून के मौसम के दौरान यह जलप्रपात गाद से भर जाता है। यह भारत का सबसे चौड़ा झरना है।
चित्रकोट जलप्रपात के नीचे तालाब के किनारे जगह जगह कई छोटे छोटे शिवलिंग हैं। इसके अलावा शिव के त्रिलूल भी हैं जिनके ऊपर जंग लग गया है।
चित्रकूट जलप्रपात के कोने पर बैठने वाले पक्षी अक्सर इसकी सुंदरता को बढ़ा देते हैं।
चित्रकूट जलप्रपात का भीषण शोर इतना तेज है कि उसके शोर के पीछे कुछ भी सुनना संभव नहीं है।
चित्रकोट जलप्रपात बरसात के मौसम में मिट्टी के कटाव के कारण भूरे रंग का दिखायी देता है।
चित्रकोट जलप्रपात की यात्रा का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच होता है। इस दौरान मानसून का समय होता है और बारिश के बाद चित्रकोट वाटरफाल्स के ऊपर धुंधले आकाश में आप सुंदर इंद्रधनुष का भी नजारा देख सकते हैं। आपको बता दें कि यहां का इंद्रधनुष बहुत प्रसिद्ध है। यदि आप बिल्कुल परेशानी मुक्त यात्रा चाहते हैं तो नवंबर से जनवरी के सर्दियों के महीने भी फॉल्स की यात्रा करने का एक अच्छा समय हो सकता है। इस ठंडे और सुहावने मौसम में आप शांत सफेद झरने और हरियाली का आनंद उठा सकते हैं।