Feature writting in hindi on sayunkt parivar abhi ka sapna ho gaya hai
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सुप्रभात मित्र ।।
आपके द्वारा दिया शीर्षक बहुत ही उल्लेखनीय है । जैसा कि आज के समय सभी लोग अपने –अपने कमों में व्यस्थ है । सभी अपने आप के मस्त है , किसी से कोई जान –पहचान नहीं बस अपने कामों के ही व्यस्थ रहते है । ये अच्छी बात है कि अपने काम से मतलब रखना चाहिए सभी को लेकिन अपनों को नहीं भूलना चाहिए । आपके परिवार वाले ही है जिनसे आप जाने जाते है ।
अगर आप अपने परिवार वालों से दूर रहे तो आपको अपनी पहचान बनाने के बाद भी लोग यही कहेंगे कि वो उनका बेटा है जो इतना अच्छा काम किया है ।
अभी के जमाने में सयुंक्त परिवार लगभग सपना हो ही गया है ।
जैसा कि मेरा परिवार भी सयुंकत है लेकिन अभी के generation में हमलोगों को कहीं नौकरी हो जाति है तो वह जाना ही पड़ेगा ।
तब तो अपने परिजनों से दूर रह के काम करना परेगा । ऐसी बहुत सारी कारण है जो सायुंक्त परिवार का अंत करने में ज़िम्मेदार है ।
कहीं भी रहे कोशिश करे कि आप अपने परिवार वालो और जो भी रिश्तेदार हो उनसे संपर्क में रहे क्योंकि आप कुछ भी बन जाओगे आप उन्हीं से जाने जाओगे ।
जो अनाथ होते है उनसे पूछो कि परिवार क्या होता है , और जिनके पास है वो सब अपनी कामों में मस्त है ।।
अरे, कबीर का एक दोहा है
पोथी ग्रंथ सब जग में पढ़ा लेकिन पंडित हुआ ना कोई
ढाई अक्षर प्रेम का जो पढ़े वो ही पंडित होई ।।।
धन्यवाद्
आपके द्वारा दिया शीर्षक बहुत ही उल्लेखनीय है । जैसा कि आज के समय सभी लोग अपने –अपने कमों में व्यस्थ है । सभी अपने आप के मस्त है , किसी से कोई जान –पहचान नहीं बस अपने कामों के ही व्यस्थ रहते है । ये अच्छी बात है कि अपने काम से मतलब रखना चाहिए सभी को लेकिन अपनों को नहीं भूलना चाहिए । आपके परिवार वाले ही है जिनसे आप जाने जाते है ।
अगर आप अपने परिवार वालों से दूर रहे तो आपको अपनी पहचान बनाने के बाद भी लोग यही कहेंगे कि वो उनका बेटा है जो इतना अच्छा काम किया है ।
अभी के जमाने में सयुंक्त परिवार लगभग सपना हो ही गया है ।
जैसा कि मेरा परिवार भी सयुंकत है लेकिन अभी के generation में हमलोगों को कहीं नौकरी हो जाति है तो वह जाना ही पड़ेगा ।
तब तो अपने परिजनों से दूर रह के काम करना परेगा । ऐसी बहुत सारी कारण है जो सायुंक्त परिवार का अंत करने में ज़िम्मेदार है ।
कहीं भी रहे कोशिश करे कि आप अपने परिवार वालो और जो भी रिश्तेदार हो उनसे संपर्क में रहे क्योंकि आप कुछ भी बन जाओगे आप उन्हीं से जाने जाओगे ।
जो अनाथ होते है उनसे पूछो कि परिवार क्या होता है , और जिनके पास है वो सब अपनी कामों में मस्त है ।।
अरे, कबीर का एक दोहा है
पोथी ग्रंथ सब जग में पढ़ा लेकिन पंडित हुआ ना कोई
ढाई अक्षर प्रेम का जो पढ़े वो ही पंडित होई ।।।
धन्यवाद्
Ddv08:
वाह.... अति सुंदर☺☺
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