festivals of india hindi poem
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राम चंद्र जी सीता जी संग आयोध्या लौट के आये
आयोध्या वासियो ने ख़ुशी में घी के दीये जलाये
दिवाली का पर्व चलो मिलकर सब मनायें
पटाखों का धुंआ नहीं दीपमाला जलायें
रंगों भरी रंगोली हो
मिठाई से भरी थाली हो
दोस्तों से मिलें
उपहार दे और लें
करें दान आज के वार
आप सबको मुबारक हो दिवाली का त्यौहार
Explanation:
#hope this will help u dear mate
kindly mark my answer as BRAINLIESTS ANSWERS PLZ
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