Hindi, asked by bhagyapatelsha7335, 10 months ago

फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?

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Answered by bhatiamona
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फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग है,  हम बहुत सी बातों के आधार पर कह सकते है-

  • फ़ादर बुल्के  ने  47 वर्ष भारत में व्यतीत किए वह भारतीय संस्कृति को इस तरह अपना लिया था , कि अपने देश का नाम पूछे जाने पर वह भारत ही कहा करते थेI
  • फ़ादर बुल्के  ने हिंदी में अपनी शिक्षा पूरी की और भ हिन्दी भाषा को बहुत मानते थे|  फ़ादर बुल्के हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में देखने का सपना था हिंदी जानने वालों द्वारा हिंदी कि उपेक्षा उनकी चिन्ता का कारण थी|
  • फ़ादर बुल्के  ने  भारतीय संस्कृति के महानायक राम और राम-कथा को अपने शोध का विषय चुना और ‘राम कथा: उत्पत्ति और विकास’ पर अपना शोध पूरा किया|  
  • फ़ादर बुल्के  ने अपना प्रसिद्ध अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश लिखाI
  • वह हिंदी एवं संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर भी रहे|  
  •  इन सभी बातों से सिद्ध होता है कि फादर बुल्के वह भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है और सदा रहेंगे|
Answered by Braɪnlyємρєяσя
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: Required Answer

\mapsto फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग बन चुके थे। उन्होंने भारत में रहकर अपने देश घर-परिवार आदि को पूरी तरह से भुला दिया था। 47 वर्षों तक भारत में रहने वाले फ़ादर केवल तीन बार ही अपने परिवार से मिलने बेल्जियम गए। वे भारत को ही अपना देश समझने लगे थे। वे भारत की मिट्टी और यहाँ की संस्कृति में रच बस गए थे। पहले तो उन्होंने यहाँ रहकर पढ़ाई की फिर डॉ. धीरेंद्र वर्मा के सान्निध्य में रामकथा उत्पत्ति और विकास पर अपना शोध प्रबंध पूरा किया। उन्होंने प्रसिद्ध अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश भी तैयार किया। इस तरह वे भारतीय संस्कृति के होकर रह गए थे।

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