five /six disadvantages of mobile in hindi
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1. वैज्ञानिक शोध निष्कर्षों में पाया गया है कि मोबाइल से जो रेडिएशन निकलती है वह बहुत हानिकारक होती है: इससे पाचन शक्ति कमजोर और नींद कम आने की बीमारी हो सकती है.
2. यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया के एक शोध के अनुसार मोबाइल को वाइब्रेशन मोड पर ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए मोबाइल को साइलेंट या फिर वाइब्रेशन में करके तकिये के निचे रखकर नही सोना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल से जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है, वह दिमाग की कोशिकाओं को वृद्धि करने में प्रभावित करती है जिससे ट्यूमर विकसित हो सकता है. युवाओं के सर को 25%, 10 से 5 साल तक के बच्चों के सर को 50% और 5 साल के कम उम्र के बच्चों को 75% तक प्रभावित करता है.
3. क्या आप जानते है कि मोबाइल शारीर से पानी सोख लेता है. हैना हैरान करने वाली बात. मोबाइल को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से जो तरंगे निकलती है वह पानी सोख लेती है.जवाहरलाल नेहरु कॉलेज के प्रो. जितेंद्र बिहारी का कहना है कि मानव शारीर में तकरीबन 70% पानी होता है और जब यह रेडिएशन के प्रभाव में होता है तो इसका अवशोषण करता है.
4. दिमाग में द्रव्य की मात्रा ज्यादा होती है और मोबाइल की रेडिएशन इस द्रव्य की मात्रा को असंतुलित करती है जिससे बीमारियाँ होती है और इसी के साथ मोबाइल नपुंसकता को भी बढ़ाता है, स्पर्म में 30% की कमी आ सकती है.
5. मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से डीएनए के नष्ट होने का खतरा हो सकता है.
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1. वैज्ञानिक शोध निष्कर्षों में पाया गया है कि मोबाइल से जो रेडिएशन निकलती है वह बहुत हानिकारक होती है: इससे पाचन शक्ति कमजोर और नींद कम आने की बीमारी हो सकती है.
2. यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया के एक शोध के अनुसार मोबाइल को वाइब्रेशन मोड पर ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए मोबाइल को साइलेंट या फिर वाइब्रेशन में करके तकिये के निचे रखकर नही सोना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल से जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है, वह दिमाग की कोशिकाओं को वृद्धि करने में प्रभावित करती है जिससे ट्यूमर विकसित हो सकता है. युवाओं के सर को 25%, 10 से 5 साल तक के बच्चों के सर को 50% और 5 साल के कम उम्र के बच्चों को 75% तक प्रभावित करता है.
3. क्या आप जानते है कि मोबाइल शारीर से पानी सोख लेता है. हैना हैरान करने वाली बात. मोबाइल को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से जो तरंगे निकलती है वह पानी सोख लेती है.जवाहरलाल नेहरु कॉलेज के प्रो. जितेंद्र बिहारी का कहना है कि मानव शारीर में तकरीबन 70% पानी होता है और जब यह रेडिएशन के प्रभाव में होता है तो इसका अवशोषण करता है.
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4. दिमाग में द्रव्य की मात्रा ज्यादा होती है और मोबाइल की रेडिएशन इस द्रव्य की मात्रा को असंतुलित करती है जिससे बीमारियाँ होती है और इसी के साथ मोबाइल नपुंसकता को भी बढ़ाता है, स्पर्म में 30% की कमी आ सकती है.
5. मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से डीएनए के नष्ट होने का खतरा हो सकता है.
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6. अल्जाइमर, डाइबिटीज, हृदय रोगों की संभावनाओं जैसी बिमारियों का खतरा बढ़ा देता है.
7. हाथ की मांसपेशियों में तनाव, डिप्रेशन भी हो सकता है क्योंकि ये रेडिएशन दिमाग की कोशिकाओं को संकुचित करती हैं, जिसकी वजह से ब्रेन में ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुच पाती हैं.
8. कई बार मोबाइल इस्तेमाल करते वक्त यह गरम भी हो जाता है और तब यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है. इतना ही नहीं मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करने से विद्युत चुंबकीय क्षेत्र फ्री रेडिकल की संख्या में इजाफा कर देता है जिससे बियोलोजिकल सिस्टम के बिगड़ने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है.
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9. मोबाइल फोन को पॉकेट या फिर बेल्ट के पास रखना हानिकारक हो सकता है. इससे इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों का प्रभाव हड्डियों पर पड़ता है और उनमें मौजूद मिनरल लिक्विड समाप्त हो सकता है.
10. मोबाइल का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं द्वारा कम करना चाहिए क्योंकि इसकी रेडिएशन गर्भस्थ शिशु को प्रभावित कर सकती है. इससे शिशु के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और उसका विकास भी प्रभावित हो सकता है.