fizul kharch Karne Wale Apne Mitra ko Patra likhkar samjhaye ki fizul kharchi par niyantran Hamare Achar vyavahar aur Charitra ki Bahut Si buraiyon par Ankush laga deta hai
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फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करने हेतु मित्र को पत्र
दिनांक – 9 अगस्त 2019
प्रिय मित्र आयुष,
सप्रेम स्नेह
मैं तुम्हारे सामने यह बात कह नही पाया, इसलिए पत्र द्वारा तुमसे यह बात कह रहा हूं जो कि तुम्हारे ही हित में है। मैंने देखा है कि तुम बहुत फिजूलखर्ची करते हो। तुम्हारे माता-पिता संपन्न हैं और तुम्हे पर्याप्त जेबखर्च मिलता है जिसका तुम अनुचित उपयोग करते हो। तुम्हें अपने माता-पिता से जो जेब खर्च मिलता है तुम उसे व्यर्थ के कार्यों में खर्च कर देते हो। तुम ठेले-खोमचे वाली बाजार की चीजें खाते हो जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तुमने अपनी मित्र मंडली भी बना रखी है, जिनपर तुम अनाप-शनाप पैसे खर्च कर देते हो। मेरे विचार में तुम पैसे का महत्व नही समझते हो ये बात मुझे अच्छी नही लगती है इसलिये मैं तुम्हें पैसे बचाने का महत्व समझाना चाहता हूं।
हमारे छात्र-जीवन में अगर अभी से हम मितव्ययता अर्थात पैसे बचाने की आदत डाल लेंगे तो यह हमारे आने वाले जीवन के लिए बहुत लाभदायक होगी। जब हम स्वयं कमाने लगेंगे तो हमें पैसे का महत्व पता चलेगा तब ये आदत हमारे लिये बहुत काम आयेगी। हमारे विद्यार्थी जीवन के लिए भी आवश्यक है कि हम अनुशासन में रहे, सदाचार बनें और अपने चरित्र को सुदृढ़ बनायें। फिजूलखर्ची की आदत सदाचार की परिभाषा में नहीं आती है इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम फिजूलखर्ची की आदत को त्यागकर बचत करना सीखो।
तुम्हें जो भी जेब खर्च मिलता है उसे उचित कार्यों में खर्च करो और एक सीमित मात्रा में खर्च करो। बाकी पैसे बचाकर अपने किसी भविष्य की योजना के लिए तुम बचत कर सकते हो। इससे तुम्हारे अंदर मितव्ययता की आदत विकसित होगी और तुम्हारे अंदर स्वाभिमान भी उत्पन्न होगा। आशा है कि तुम मेरी बात की मूल भावना को समझोगे। तुम्हारे भले के लिए ही मैं ये सब कह रहा हूँ। सदैव तुम्हारे हित के लिये तत्पर...
तुम्हारा शुभाकांक्षी मित्र...