Forgive someone who has wronged you is actually a selfish act rather than a selfless one. letting go of the hostility and hatred that you may have allowed to bottle up inside you actually something you do for yourself rather that for the benifit of the other person as I teach in my life coaching programs, when you bear a grudge against someone,it almost as if you carry that person around on your back with you. He drains you of your energy enthusiasm and peace of mind. But the moment you forgive him you get him of your back and you can move on with your rest of your life.
translate into Hindi.
Answers
सामान्य सेवा कार्यों को भी व्यक्ति यदि जीवन-पर्यन्त करता रहे तो उसका अहं भाव पूर्णत: समाप्त होकर उसके लिए आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त कर देगा। सेवा करने वाले के रूप में समाज में उत्तम परम्पराओं की स्थापना होती है। एक-दूसरे के प्रति प्रेमभाव से सामाजिक एकता, शान्ति और भाईचारे का आधार बनता है। सेवा कार्यो से उत्तम जीवन मूल्यों की स्थापना होती है।
इतिहास में एक नहीं हजारों ऐसे उदाहरण हैं कि साधारण से साधारण व्यक्ति सामान्य सेवा मार्ग से चलते हुए राष्ट्रों के महान नेता हुए हैं। किंतु यह होता तब ही है जब किसी का सेवा -भाव नि:स्वार्थता की चरम सीमा पर होता है। जरूरी यह है कि बच्चों में सेवा-भाव के विकास के साथ-साथ नि:स्वार्थ भावना का संस्कार भी रोपा जाए। नि:स्वार्थ सेवा करने से दिनों-दिन उसके प्रति उत्साह की वृद्धि होती है। वास्तव में सेवा भाव से ही राष्ट्रोन्नति संभव है, लेकिन जब मानव सेवा सच्ची स्वार्थ रहित,निष्ठा, विश्वास एवं लगनपूर्ण ढंग से हो।