Hindi, asked by mohit134649, 6 months ago

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कहानी"दूसरा देवदास" का केन्द्रीय बिन्दु
(कथानक) क्या है?
1 बेरोज़ार युवक की दशा
2 प्रेम का अंकुरण
3 हर की पौड़ी का दृश्य
12:15p​

Answers

Answered by shishir303
1

सही जवाब है...

► प्रेम का अंकुरण

♦ कहानी ‘देवदास’ का केन्द्रीय बिंदु (कथानक) प्रेम का अंकुरण पर आधारित है।♦

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स्पष्टीकरण:

‘ममता कालिया’ द्वारा लिखित ‘दूसरा देवदास’ कहानी प्रेम को आधार बनाकर लिखी गई कहानी है। इस कहानी का कथानक प्रेम पर आधारित है। कहानी एक ऐसे युवक संभव की कहानी है जो एक युवती के प्रति प्रेम में पड़ जाता है। वह अपनी माँ के कहने पर गंगा स्नान करने नानी के पास हरिद्वार आया हुआ है। नानी के साथ हर की पौड़ी पर आरती के समय उसकी मुलाकात एक लड़की से होती है और लड़की को देखने के बाद उसके मन में लड़की के प्रति प्रेम का अंकुरण हो जाता है, लेकिन वह अपने मन की बात मन में दबाए रहता है और अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता। पूरी कहानी का परिवेश हरिद्वार ही रहा है। कहानी का आरंभ हरिद्वार में गंगा आरती से हो रहा है और कहानी अंत भी मनसा देवी के मंदिर के प्रांगण में होता है, जहाँ नायक और नायिका का मिलन होता है, लेकिन यहाँ पर भी नायक के मन की नायक के मन में ही रह जाती है और कहानी का कोई सुखद अंत नही होता।

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