Four types of vigyapan in hindi
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वर्गीकृत विज्ञापन – वर्गीकृत विज्ञापन प्राय: स्थानीय आवश्यकताओं और सूचनाओं पर आधारित होते हैं। ...
सजावटी विज्ञापन – ...
वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन – ...
समाचार सूचना विज्ञापन
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Explanation:
विज्ञापन के प्रकार
ऐसे तो विज्ञापन कई प्रकार के होते हैं, परन्तु मोटे तौर पर हम छः विज्ञापनों को यहाँ विस्तारपूवर्क जानेंगे -
• स्थानीय विज्ञापन
• राष्ट्रीय विज्ञापन
• वर्गीकृत विज्ञापन
• औद्योगिक विज्ञापन
• जनकल्याण संबंधी विज्ञापन
• सूचनाप्रद विज्ञापन
स्थानीय विज्ञापन
इनका प्रसार क्षेत्र अपेक्षाकृत बहुत छोटा होता है और ये स्थानीय स्तर पर उत्पाद की बिक्री बढ़ाने में काम आते हैं। इनमें आकर्षक छूट, नामी योजनाओं का जिक्र होता है। किसी खास तरह के स्थानीय उत्पाद के लोकप्रिय उत्पादक का विवरण होता है या आम जरूरत की चीजों का विवरण होता है। ये विज्ञापन प्रत्यक्ष बिक्री बढ़ाने वाले होते है और इनका प्रसारण स्थानीय पत्र, रेडियो, टीवी, केबल नेटवर्क, बैनर, पोस्टर, स्लाइड आदि के द्वारा होता है।
राष्ट्रीय विज्ञापन
राष्ट्रीय विज्ञापन किसी उत्पाद या सेवा का राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञापन करते हैं। चूंकि हमारे देश में अनेक भाषाएं हैं, अत: राष्ट्रीय विज्ञापन एक से अधिक भाषाओं में तैयार किए जाते हैं। एक ही वस्तु को अलग-अलग कंपनियाँ उत्पादित करती हैं। हर कंपनी को अपने ब्रांड को श्रेष्ठ बताने के लिए इस तरह के विज्ञापन का सहारा लेना पड़ता है। सौन्दर्य प्रसाधन, घरेलू उपकरण, मोबाइल सेवाएं आदि ऐसे अनेक विषय है जिनका विज्ञापन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है।
वर्गीकृत विज्ञापन
वर्गीकृत विज्ञापन प्राय: स्थानीय आवश्यकताओं और सूचनाओं पर आधारित होते हैं। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में निश्चित पृष्ठ और निश्चित स्थान पर एक निश्चित शीर्षक के अन्र्तगत इस तरह के विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं। खरीदना, बेचना, जरूरत है, किराए के लिए खाली, रोजगार, शैक्षणिक, वैवाहिक और खोया-पाया आदि ऐसे कुछ शीर्षक है जिनके अन्र्तगत वर्गीकृत विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं। वर्गीकृत विज्ञापन का मूल्य काफी कम होता है। प्राय: इनमें तीन चार लाइनों में पूरी बात कह दी जाती है। इस तरह के विज्ञापनों में प्रतीक चिन्हों या चित्रों का इस्तेमाल नहीं होता और न ही इनमें सजावटी अक्षरों या मोटे बार्डर आदि का ही प्रयोग होता है। इन विज्ञापनों का उद्देश्य उपभोक्ता को आकृष्ट करना नहीं होता बल्कि उपभोक्ता अपनी जरूरत के मुताबिक खुद ब खुद इन विज्ञापनों में अपने उपयोग की चीज ढूंढ़ लेता है।
औद्योगिक विज्ञापन
औद्योगिक विज्ञापन कच्चा माल, उपकरण, आदि की क्रय में वृद्धि के उद्देश्य से किया जाता है, इस प्रकार के विज्ञापन प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रक्रियाओं में प्रमुखता से प्रकाशित किये जाते है, इस प्रकार के विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है वरना औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित व्यक्तियों, प्रतिष्ठानों तथा निर्माताओं को अपनी ओर आकृष्ट करना होता है।
जनकल्याण संबंधी विज्ञापन
जनकल्याण संबंधी विज्ञापन प्रायः लोगों को किसी समस्या के प्रति जागरूक करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। प्रदुषण की समस्या, शिक्षा की समस्या, कन्या भ्रूण हत्या समस्या आदि के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए किए गए विज्ञापन जनकल्याण संबंधी विज्ञापन के अन्तर्गत आते हैं।
सूचनाप्रद विज्ञापन
इस प्रकार का विज्ञापन सूचनाओं को प्रसारित करने की एवं व्यापारिक आभिव्यक्ति के रूप में सामने आता है। साथ ही इन विज्ञापनों का उद्ददेश्य जन-साधारण को शिक्षित करना, जीवनस्तर ऊँचा करना, सांस्कृतिक बौद्धि तथा आध्यात्मिक उन्नति करने का भाव निहित होता है। सामुदायिक विकास सुधार, अंतराट्रीय सद्भाव, वन्य प्राणी रक्षा, यातायात सुरक्षा आदि क्षेत्रों में जन-साधारण की भलाई के उद्देश्य से सूचना प्रदान कर जागरूकता उत्पन्न करता है।
विज्ञापन के कार्य
विज्ञापन के निम्नलिखित कार्य हैं -
1. नवीन वस्तुओं और सेवाओं की सूचना देना।
2. किसी वस्तु की उपयोगिता एवं श्रेष्ठता बताते हुए उसकी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना।
3. उपभोक्ताओं में वस्तु के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न करना।
4. उपभोक्ताओं की स्मृति को प्रभावित करना।
5. विशेष छूट आदि की जानकारी देते हुए उपभोक्ता-माँग में वृद्धि करना।
6. वस्तु को स्वीकार करने, अपनाने और उसे खरीदने की प्रेरणा देना।
7. विज्ञापन अन्य उत्पाद कम्पनियों के उत्पादनों की तुलनात्मक जानकारी देता है।
8. बाजार में उत्पाद कम्पनियों को स्थिरता प्रदान करता है।
विज्ञापन तैयार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए -
(1) वह आकर्षक होना चाहिए।
(2) प्रभावशाली तरीके से कम शब्दों में अधिक शब्द कहने चाहिए।
(3) कोई पंक्ति ऐसी लिखनी चाहिए जो 'स्लोगन' की तरह हो और ध्यान आकर्षित करके याद रह जाने वाली हो।
(4) उसमें किसी ‘चित्र’ या 'रेखाचित्र' का प्रयोग करना चाहिए।
(5) जिस विषय के बारे में हो उसकी विशेषताओं/महत्त्व को बताने वाले हों।
(6) उसे बॉक्स में ही प्रस्तुत करें, इससे अधिक प्रभावशाली लगता है।
(7) प्रभावशाली बने के लिए रंगीन रंगों का प्रयोग भी किया जा सकता है।