friends solve this question for the poem is Nari Tum Kewal Shraddha Ho and the poet name Jaishankar Prasad
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1 प्रस्तुत संदर्भ हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के नारी तुम केवल श्रद्धा हो नामक पाठ से लिया गया है इसके रचयिता जयशंकर प्रसाद जी हैं।
व्याख्या मैं सब कुछ दे दूं और कुछ ना लूं का अर्थ है
किनारी अपना सब कुछ दे देती है उसके बावजूद कुछ नहीं लेती है और कभी सेनारी के इस गुण की व्याख्या करते हैं कि वह बहुत ही दयालु है
2 दूसरे व्याख्या में कवि कहते हैं कि तुम्हें अपने आंसुओं से भीगे आंचल को आंचल पर अपने मन के अंदर जो भी है उसको रखना होगातुमको अपनी सीमत रेखा से यानी कि तुम्हें अपने सीमा सेयह संधि में सोता है दोस्ती अपनी सीमा रेखा से यह संधि पत्र लिखना होगा I hope this answer is helpful
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