full summary of Ek Aur Bhoot
Answers
Ek samaya par ek gain me
ek bhoot Raha karta jo har
Raat Ko apani Mahal se bahar aata tha aur logo kno
apani saath le Jara tha aur uski tookde tookde banake
use kha jata.
Answer:
Bahadurganj, the old town was the fief of Thakur Mukhtar Singh. One day he had a slight fever and died. Jagirdar Singh (Thakur's aunt's son) and Bindadin (cook) poison Mukhtarsingh instead of medicine
Explanation:
The two looted all the things of the mansion as soon as Thakur died. Jagirdar Singh went to the mansion with a lock and key but he died there. The doctor explained the reason for 'heart attack'. Bindadin had a fever and he also started the sixth day The news spread among the people that Thakur's ghost has done this to take revenge. It had been 40 to 90 years.
।Rajiv, Sandeep, Vikram, Narayan and Nathu were wandering in the holidays. They tired and sat down near the people near the mansion.
Everyone started talking about the ghost there. Vikram was not convinced. Peeple's addresses fluttered. Everyone got scared. But it was because of a flying eagle. Vikram used to make fun of ghosts. If the ghost has listened, everyone is scared thinking
2
चारो दोस्त को आशंका थी की कई भूत ने विक्रम की बाते सुन ली होगी तो? विक्रम को कुछ हो गया तो ? विक्रम ठीक तो है ना ये जानने के लिए वे उसके घर गए। विक्रम के घर के बार ६ -७ लोग खड़े थे। विक्रम उसको कागज़ दे रहा था। ये देखकर चारो दोस्त स्तब्ध रह गए। पांचो में भूत को लेकर बात चित हुई। फिर चारो अपने घर चले गए। विक्रम ने साइंस टीचर भवानी मिश्र को पुरी घटना बताई। विक्रम ने टीचर को पूछा की क्या भूत होते है ? टीचर ने बताया की अंधविश्वास से देखो तो भूत है और विज्ञानं के आधार पर नहीं है। विज्ञान सत्य पर विश्वास करता है। लोगो से अंधविश्वास मिटाना आसान काम नहीं है। विक्रम ने उसी रत हवेली में जाने की ठान ली।
3
रात को विक्रम मोमबत्ती ,माचिस और टॉर्च लेकर हवेली की ओर अकेला निकल पड़ा । पीपल के पेड़ से आवाज आई पर वे सफेद उल्लू की थी। वह बहुत न मिलने पर हवेली गया। वह एक लाला साँप देखा। वह अपना फैन समेटकर निचे पत्थरो में जा रहा था। झींगुरो की आवाज सुनाई दे रही थी। विक्रम हिम्मत से सारी हवेली की छान-बिन कर रहा था। आवाजों को ध्यान से सुन रहा था। तभी उसको दो बड़ी बड़ी आंखे दिखाई दी।
4
विक्रम ने पूछा कोन हो तुम ? देखा तो वह जंगली खरगोश था। कोई उसकी मौजूदगी न जान सके इसलिए उसने टॉर्च बंद कर दी। तब इंसान जैसी खांसी की आवाज सुनाई दी। मुड़कर देखा तो एक सफेद शक्ल दिखाई दी। टॉर्च चालू करने जा रहा था तभी आवाज़ सुनाई दी – “मैंने अपनी शक्ति से टार्च बंद कर दी हे। उसे जलाना बेकार हे। उसने बताया की मै मुख़्तार सिंह का भूत हूँ।” भूत विक्रम, उसके पापा और दादा के बारे में सबकुछ जानता था। दोनों में बातचीत हुई। विक्रम को बहुत शांत लगा। थोड़ी देर बाद वे गायब हो गया।