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Uo Grunw'
3ST \।
“अपराठे चरित्र की रात अर
कर्मठता में ही जीवन में ऊँचा पद
अब मान-सम्मान समता हैं।'
TO इस कप्त है अहमत है।
ॐ ६ इक पल में समत हूँ।
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what I can do help for you
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I can't understand......
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