g s t लागू होने से पहले करो की संख्या
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क्या आप जानते हैं जीएसटी (GST) क्या है? 7 खास बातें जो आपको पता होनी चाहिए...
Edited by: पूजा प्रसाद, Updated: 9 मार्च, 2017 1:36 PM
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जीएसटी (GST) क्या है? 7 खास बातें जो आपको पता होनी चाहिए... (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:
जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) है. यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जा रहा है. जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाना है. जीएसटी लगने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स समाप्त हो जाएंगे.
आज यानी गुरुवार से बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू हो गया है. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पारित होने की उम्मीद जताई है.
आइए एक नजर में जानें इस टैक्स विशेष के बारे में...
1- जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी), वैट / सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्ज़री टैक्स खत्म हो जाएंगे.
2- जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाएंगे. पहला सीजीएसटी, यानी सेंट्रल जीएसटी, जो केंद्र सरकार वसूलेगी. दूसरा एसजीएसटी, यानी स्टेट जीएसटी, जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी. तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी, यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा. इसे केंद्र सरकार वसूल करेगी और उसे दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट दिया जाएगा.
4. जीएसटी लागू होने से हर प्रकार की खरीद फरोख्त इस कर व्यवस्था के तहत आ जाएगी, जिससे लोगों के लिए करों की चोरी कर पाना आसान नहीं होगा. कहा जा रहा है कि जीएसटी काले धन से निपटने के लिए एक मजबूत हथियार साबित होगा.
5- सरकार के अनुसार, जीएसटी आज़ादी के बाद टैक्स सुधार का सबसे बड़ा कदम है. इससे जीडीपी में वृद्धि और रोज़गारों का सृजन होगा. 13वें केंद्रीय वित्त आयोग के अनुसार जीएसटी से कर संकलन में हो रहे कई तरह के व्यर्थ के खर्चों को रोकने में भी इससे सहायता मिलेगी और इससे राज्यों की आर्थिक हालात में सुधार होगा.
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6- विश्व के लगभग 160 देशों में जीएसटी की कराधान व्यवस्था लागू है. भारत में इसका विचार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा साल 2000 में लाया गया.
7-जानकारों की राय में शुरुआती तीन सालों में जीएसटी महंगाई बढ़ाने वाला टैक्स साबित होगा, जैसा मलेशिया और अन्य देशों के उदाहरणों से स्पष्ट है. अभी हम सारी सेवाओं पर लगभग 14.5 फीसदी सर्विस टैक्स दे रहे हैं, जो जीएसटी लागू होने पर 18% से 22% के बीच हो जाएगा. यानी कि जीएसटी लागू होने के बाद सिनेमा हॉलों के टिकट, होटल का बिल, बैंकिंग सेवा, यात्रा टिकट आदि महंगी हो जाएंगी.
भारत में वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई 2017 से लागू कर दिया गया है। भारत में जीएसटी लागू करने का सुझाव विजय केलकर समिति ने दिया था ।
जीएसटी के तीन प्रकार है -
- SGST,
- CGST और
- IGST
जीएसटी परिषद ने जीएसटी के तहत 5%, 12%, 18% और 28% के चार टैक्स स्लैब के तहत 1300 से अधिक वस्तुओं और 500 सेवाओं को फिट किया है। यह सोने पर लगने वाला कर है जो 3% रखा गया है और मोटे कीमती और अर्द्ध कीमती पत्थरों को जीएसटी के तहत 0.25% की विशेष दर पर रखा गया है।
ALL IN ALL,
GST से पहले
यह 16 करों और 22 उपकरों का एक संयोजन था। लगभग आधा केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है और राज्य सरकार द्वारा आधा रह जाता है।
केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी, अतिरिक्त / काउंटरवेलिंग कस्टम ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स आदि का शुल्क लेती थी।
राज्य सरकारें वैट, एंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स आदि का शुल्क लेती थीं।
उपरोक्त के एवज में एसजीएसटी को राज्य करों के लिए चार्ज किया जाता है और सीजीएसटी को केंद्रीय करों के लिए समान अनुपात में लिया जाता है।
अतिरिक्त / काउंटरवेलिंग कस्टम ड्यूटी, शिक्षा उपकर, वरिष्ठ और उच्च शिक्षा उपकर के बदले में, IGST केंद्र सरकार के लिए एकत्र किया जाता है और दर GST के बराबर है।