Hindi, asked by pritampriambada, 18 hours ago

ग)आशय स्पष्ट कीजिए।
(i) “उन्होंने खंभों की पूजा की, आरती उतारी और उन्हें तिलक किया।"
(ii) साहब पूरे शहर की सुरक्षा का सवाल था। अगर रात को खंभे न हटा लिए जाते, तो आज पूरा शहर नष्ट हो जाता।" ​

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Answered by 06anki004
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Answer:

प्रस्तुत पाठ उखड़े खंभे हास्य व्यंग्यात्मक शैली पर हरिशंकर परसाई द्वारा लिखा गया है इसमें राजा और उसकी राज्य के कर्मचारियों की मुनाफाखोरी(रिश्वतखोरी) पर व्यंग्य कसा गया है। मुनाफाखोरी से पूरा समाज पीड़ित है लेकिन इस बीमारी का इलाज प्रजा ढूंढ नहीं पाती।

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