(ग) अनुस्वार और विसर्ग किसे कहते हैं?
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Explanation:
विसर्ग ( ः ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी से उत्पन्न अधिकांश लिपियों में इसके लिये संकेत हैं। उदाहरण के लिये, रामः, प्रातः, अतः, सम्भवतः, आदि में अन्त में विसर्ग आया है।
अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। देवनागरी में इसे, उदाहरण-स्वरूप, क पर लगाने से कं लिखा जाता है।
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Answer:
अनुश्वर और विसर्ग संस्कृत वर्णमाला की अंतिम दो ध्वनियाँ हैं।
Explanation:
- अनुश्वर को आफ्टर साउंड भी कहा जाता है। इसका उच्चारण असतत है और अक्सर इसका लिखित रूप में नाक की आवाज़ के लिए उपयोग किया जाता है।
- विसर्ग को रिलीज के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर, इसे "घर" में "एच" की तरह उच्चारित किया जाता है और इसे नरम तालू के बारे में कहा जाता है। आधुनिक समय में इसे अक्सर एक वाक्यांश के अंत में पिछले स्वर की प्रतिध्वनि के रूप में उच्चारित किया जाता है।
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