Hindi, asked by dhruvchaudhary30, 5 months ago

ग) अस्वस्थ लेखिका का ध्यान गिल्लू किस प्रकार रखता था ? इस कार्य से गिल्लू की कौन -सी विशेषता का पता चलता है ?

Answers

Answered by mdzaidkhan786
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Answer:

सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

5. गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

6. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

8. प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

9. सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

1. सोनजूही की पीली कली मनमोहक होती है। लेखिका के मन यह विचार आया कि वह छोटा जीव इसी कली की सघन छाया में छिपकर बैठ जाता था। वह लेखिका के निकट पहुँचते ही कंधे पर कूद जाता था और उन्हें चौंका देता था। उस समय लेखिका को केवल कली की खीज रहती थी पर अब वे उस लघुगात, प्राणी को ढूँढ रही थी। इस कली को पुनः खिले हुए देखकर लेखिका के मन में उसी पारिवारिक सदस्य की याद आ जाती है जिसका नाम उन्होंने गिल्लू रखा था।

2. कौआ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। पाठ के आधार पर कौए को समदारित कहा गया है। श्राद्धों में लोग कौए को आदर से बुलाते हैं क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते हैं। उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। कौए के माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। कभी-कभी इसका अनादर किया जाता है, क्योंकि कर्कश स्वर में काँव- काँव करके हमें परेशान करने लगता है।

3. लेखिका ने दो कौओं की चोंच से घायल , गिलहरी के बच्चे को उठा लिया। कौओं के द्वारा चोंच मारे जाने के कारण निश्चेष्ट-सा गमले से चिपका हुआ पड़ा था। लेखिका उसे उठाकर अपने कमरे में ले आई और रूई से उसका खून पोंछकर उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। लेखिका ने रूई की पतली बत्ती दूध से भिगोकर बार-बार उसके नन्हें से मुँह पर लगाई किन्तु उसका मुँह पूरा खुल न पता था। काफी देर लेखिका उसका उपचार करती रही और उसके मुँह में पानी की बूँद टपकाने में सफल हो सकी। लेखिका के इस प्रकार के उपचार के तीन दिन बाद ही गिलहरी का बच्चा पूरी तरह अच्छा और स्वस्थ हो गया।

Explanation:

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Answered by LishaAulakh
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लेखिका व गिल्लू के बीच घनिष्ठ व आत्मीय संबंध बन गए थे । लेखिका जब

      दुर्घटनाग्रस्त  होकर कुछ दिन के लिए अस्पताल में रहीं तो उन दिनों गिल्लू

       ने अपना प्रिय भोजन काजू तक खाना छोड़ दिया था । लेखिका की

      अस्वस्थता की स्थिति में किसी परिचारिका की भाँति उनके सिरहाने बैठकर

      गिल्लू उनके बालों में धीरे – धीरे अपने नन्हें पंजों से सहलाता रहता । इस

      प्रकार वह लेखिका के प्रति अपने सेवाभाव को प्रदर्शित करना चाहता था

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