गाबाद जिले में हुआ था। इन्होंने जबलपुर से वसुधा' नाम की साहित्यिक मासिक अगस्त 1995 में इनका निधन हो गया। परसाई जी व्यंग्य-लेखक हैं। इन्होंने सामाजिक और प्ति भ्रष्टाचार और शोषण पर करारा एवं सटीक रसाई जी की भाषा का एक खास अंदाज है जिस को छू लेती है। हँसते हैं, रोते हैं', 'जैसे उनके
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swarg mai pahunch jaate thai
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