गंगा की धारा को बाणो से अटकाकर कौन रखा था
Answers
Explanation:
ब्रह्माजी के वचन से
हिमालय की गोद से
शंकरजी की जटा से
निश्चल निर्मल धारा निकली
निश्चल निर्मल गंगा निकली
भागीरथी के नाम से
राख के ढेरो से
पापो को धोने से
पुण्य पवित्र करने से
बहती निकली बहती निकली
निश्चल निर्मल गंगा निकली
गंगोत्री के गौमूख से
हर-की-पौङी हरिद्वार से
निश्चल निर्मल धारा निकली
निश्चल निर्मल गंगा निकली
अवध के मैदानो से
प्रयाग के संगम से
हर हर गंगे हर हर गंगे
कानपुर के उधोगो से
मेली होती प्रदूषण से
फिर भी पवित्र नाम से
हर हर गंगे हर हर गंगे
काशी के घाटो से
हिन्दुओ की श्रद्धा से
नमामिःगंगे योजना से
मुक्त होती प्रदूषण से
हर हर गंगे हर हर गंगे
- विष्णुकुमार
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