गंगा नदी किनारे एक, शाम निबंध
Answers
Answered by
2
Answer:
चारों ओर दीप प्रज्वलित थे और भक्त, साधु, संन्यासी सभी मंत्रोच्चार कर रहे थे। पूरा गंगाघाट रोशनी में नहाया हुआ प्रतीत हो रहा था। गंगा के किनारे जगमगाते अनगिनत दीप और आरती के पश्चात उसके किनारों पर प्रवाहित दीये ऐसे लग रहे थे जैसे आसमान के सारे तारे धरती पर आज मैया की गोद में उतर आए हैं।
Similar questions