Geography, asked by Amanalexamanamantirk, 2 months ago

गंगा नदी तंत्र का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-गंगा अपना यह नाम देवप्रयाग, जहाँ इसकी दो शीर्ष धाराएँ- अलकनंदा तथा
भागीरथी मिलती हैं, के पश्चात धारण करती है। गंगा हरिद्वार में हिमालय पर्वत
से निकल कर मैदान में प्रवेश करती है। उत्तर की ओर से आकर इसमें बड़ी
संख्या में सहायक नदियाँ मिलती हैं। इनमें से घाघरा, गंडक तथा कोसी भारत
के उत्तरी मैदानों में नेपाल से प्रवेश करती हैं। इन नदियों में बहुत अधिक
जलशक्ति उत्पन्न करने की तथा भारत और नेपाल दोनों में सिंचाई करने की
संभावित क्षमता है। आपसी विश्वास तथा सहयोग द्वारा विकास कार्यों के लिए
नदियों के जल का उपयोग करने से दोनों देशों के निवासियों की संपन्नता में
वृद्धि हो सकती है।
फरक्का से आगे, गंगा दक्षिण-पूर्व से पूर्व की ओर बहकर पद्मा के रूप में
बांग्लादेश में प्रवेश करती हैं। मुख्य नदी की एक शाखा, जिसे भागीरथी-हुगली
कहते हैं दक्षिण की ओर डेल्टाई मैदानों से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में
मिलती हैं। मुख्य धारा पद्मा बांग्लादेश में दक्षिण की ओर बहती है जहाँ इसमें
ब्रह्मपुत्र मिलती है जिसे यहाँ जमुना कहते हैं। और आगे इसमें मेघना मिलती
हैं और जब तक यह बंगाल की खाड़ी में नहीं मिलती इस सम्मलित धारा का
नाम मेघना ही है। गंगा के जल के बँटवारे के बारे में भारत तथा बांग्लादेश के
बीच एक समझौता है।
गंगा की लंबाई 2500 किलोमीटर से अधिक है। भारत में इसकी द्रोणी सबसे
बड़ी है। उत्तर भारत का अधिकांश जल गंगा नदी तंत्र द्वारा बहाया जाता है।
अंबाला नगर सिंधु तथा गंगा नदी तंत्रों के बीच जल-विभाजक पर स्थित है।
अंबाला से सुंदरवन तक मैदान की लंबाई लगभग 1800 किलोमीटर है। परंतु
इसके ढाल में गिरावट मुश्किल से 300 मीटर है। दूसरे शब्दों में, प्रति
6 किलोमीटर की दूरी में गिरावट पर ढाल केवल एक मीटर है। इसलिए यहाँ
नदियों में अनेक बड़े-बड़े मोड़ या विसर्प बन जाते हैं।​

Answers

Answered by bhardwaj1023
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Answer:

गंगा अपना यह नाम देवप्रयाग, जहाँ इसकी दो शीर्ष धाराएँ- अलकनंदा तथा

भागीरथी मिलती हैं, के पश्चात धारण करती है। गंगा हरिद्वार में हिमालय पर्वत

से निकल कर मैदान में प्रवेश करती है। उत्तर की ओर से आकर इसमें बड़ी

संख्या में सहायक नदियाँ मिलती हैं। इनमें से घाघरा, गंडक तथा कोसी भारत

के उत्तरी मैदानों में नेपाल से प्रवेश करती हैं। इन नदियों में बहुत अधिक

जलशक्ति उत्पन्न करने की तथा भारत और नेपाल दोनों में सिंचाई करने की

संभावित क्षमता है। आपसी विश्वास तथा सहयोग द्वारा विकास कार्यों के लिए

नदियों के जल का उपयोग करने से दोनों देशों के निवासियों की संपन्नता में

वृद्धि हो सकती है।

फरक्का से आगे, गंगा दक्षिण-पूर्व से पूर्व की ओर बहकर पद्मा के रूप में

बांग्लादेश में प्रवेश करती हैं। मुख्य नदी की एक शाखा, जिसे भागीरथी-हुगली

कहते हैं दक्षिण की ओर डेल्टाई मैदानों से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में

मिलती हैं। मुख्य धारा पद्मा बांग्लादेश में दक्षिण की ओर बहती है जहाँ इसमें

ब्रह्मपुत्र मिलती है जिसे यहाँ जमुना कहते हैं। और आगे इसमें मेघना मिलती

हैं और जब तक यह बंगाल की खाड़ी में नहीं मिलती इस सम्मलित धारा का

नाम मेघना ही है। गंगा के जल के बँटवारे के बारे में भारत तथा बांग्लादेश के

बीच एक समझौता है।

गंगा की लंबाई 2500 किलोमीटर से अधिक है। भारत में इसकी द्रोणी सबसे

बड़ी है। उत्तर भारत का अधिकांश जल गंगा नदी तंत्र द्वारा बहाया जाता है।

अंबाला नगर सिंधु तथा गंगा नदी तंत्रों के बीच जल-विभाजक पर स्थित है।

अंबाला से सुंदरवन तक मैदान की लंबाई लगभग 1800 किलोमीटर है। परंतु

इसके ढाल में गिरावट मुश्किल से 300 मीटर है। दूसरे शब्दों में, प्रति

6 किलोमीटर की दूरी में गिरावट पर ढाल केवल एक मीटर है। इसलिए यहाँ

नदियों में अनेक बड़े-बड़े मोड़ या विसर्प बन जाते हैं।

Answered by vikashmishra35
0

Answer:

jwjsjsnsbdbb I have to be आर एस आई तो

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