गंगा-नद्याः तीरे केषाम् आश्रमाः सन्ति? *
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शब्दों के अन्त में लगने वाले कारक-चिहनों को सुप् कहते हैं। इन सुप् (स, औ, अः आदि) प्रत्यय को लगाने से जो शब्द बनते हैं, उन्हें सुबन्त कहते हैं। जैसे-रामः, रामौ, रामाः आदि। सुप् प्रत्ययों के मूल रूप और अवशिष्ट रूप छात्रों की सुविधा के लिए दिए जा रहे हैं। सुप् प्रत्ययों के अवशिष्ट रूप हलन्त शब्दों में प्रायः सीधे जुड़ जाते हैं तथा कोई परिवर्तन नहीं होता, किन्तु अजन्त शब्दों में जुड़ते समय इन अवशिष्ट रूपों में कुछ स्थानों पर परिवर्तन रहता है।
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