गंगा पुत्र के लिए गंगा मैया ही जीविका और जीवन है कदम के आधार पर गंगा पुत्रों के जीवन परिवेश पर चर्चा कीजिए answer.
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Answer:
प्रकृति किसी के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करती। प्रकृति के जो भी तत्व हैं, जल, वायु, आकाश, मिट्टी, पेड़-पौधे, नदी, पर्वत, झरने, तालाब, समुद्र, खनिज, अनाज, फल, फूल आदि वह सभी तत्व प्रकृति में सबके लिए समान हैं। प्रकृति किसी के साथ धर्म, जाति, लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती।
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Explanation:
गंगापुत्र से आशय माँझी जाति के लोगों से है। इनका जीवन दुःसाहस श्रम और कष्टों से भरा हुआ होता है। प्रत्येक ऋतु की कठिनाइयों को झेलते हुए वे गंगापुत्र गंगा की धारा में आरती के समय तैरते हैं और पूरे घाट का बीसों बार चक्कर लगाते हैं। भक्तगण गंगा माता की प्रसन्नता के लिए मनौतियों के रूप में दोनों में प्रज्ज्वलित दीपक, फूल और कुछ पैसे धारा में बहाते हैं। ये गंगापुत्र दोनों के पैसों को बटोरने के लिए तैरते हुए उसे पकड़ते हैं। पैसे हाथ से उठाकर मुँह में दबाते हैं। फिर वे अन्य दोनों की तरफ लपक पड़ते हैं। उनकी जीविका के साधन ये कुछ थोड़े से पैसे ही हैं। उनकी स्त्रियाँ इन्हीं रेजगारियों से नोटों को बदलकर थोड़ा बहुत उपार्जन कर लेती है।