गंगा यमुना नदी के जल प्रदूषण व त्यावर उपाय
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Answer:
नदी के आसपास के क्षेत्रों की एक मुख्य पर्यावरणीय भूमिका वर्षा के जल व नदियों की बाढ़ के जल को संजोने व भूजल के रूप में संरक्षित रखने हेतु कार्य तत्काल शुरू किया जाए। दिल्ली से आगरा के बीच यमुना को स्वच्छ करने, खुदाई करने और डिसिल्ट करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया जाए।
Explanation:
यमुना ऐक्शन प्लान
हेजार्ड सेंटर के डुनू राय का मानना हैं कि यमुना ऐक्शन प्लान के दो चरणों में इतना पैसा बहाने के बाद भी अगर नदी का हाल वही का वही है तो इसका सीधा मतलब ये है कि जो किया गया हैं वो सही नही है.
डुनू राय आगे कहते हैं कि नदी साफ़ रहने के लिए ज़रूरी है कि पानी बहने दिया जाए. हर जगह बांध बना कर उसे रोकने से काम नही चलेगा. दिल्ली के आगे जो बह रहा है वो यमुना है ही नही वो तो मल-जल है. पहले मल- जल को नदी में छोड़ दो और उसके बाद उसका उपचार करते रहो तो नदी कभी साफ़ नही हो सकती.
पिछले साल 2012 के दिसंबर महीने में यमुना की सफाई के मामले में सरकारी एजेंसी के बीच तालमेल की कमी को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया और पूछा कि करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी अभी तक कोई परिणाम क्यों नही निकला.
पर्यावरण विद अनुपम मिश्र कहते हैं कि हिंदुस्तान का जिस तरह का मौसम चक्र है उसमें हर नदी चाहे वो कितनी भी प्रदूषित क्यों न हो, साल में एक बार बाढ़ के वक्त खुद को फिर से साफ़ करके देती है, पर इसके बाद हम फिर से इसे गंदा कर देते है, तो हमें नदी साफ़ करने की बजाय इसे गंदा करना बंद करना पड़ेगा.