Hindi, asked by saileshagraharivaran, 3 months ago

(ग)
(घ)
मधुकर कामधेनु का क्या अर्थ है।
घेरी कौन दुहावै का क्या भाव है।​

Answers

Answered by gudduchoudhary1983
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Answer:

मेरो मन अनत कहां सुख पावै।

जैसे उड़ि जहाज कौ पंछी पुनि जहाज पै आवै॥

कमलनैन कौ छांड़ि महातम और देव को ध्यावै।

परमगंग कों छांड़ि पियासो दुर्मति कूप खनावै॥

जिन मधुकर अंबुज-रस चाख्यौ, क्यों करील-फल खावै।

सूरदास, प्रभु कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै॥

Explanation:

सूरदास, प्रभु कामधेनु तजि छेरी कौन दुहावै॥ भावार्थ :- यहां भक्त की भगवान् के प्रति अनन्यता की ऊंची अवस्था दिखाई गई है। जीवात्मा परमात्मा की अंश-स्वरूपा है। उसका विश्रान्ति-स्थल परमात्माही है , अन्यत्र उसे सच्ची सुख-शान्ति मिलने की नहीं।

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